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मतदाता सूची में गड़बड़ी की परतें: परिवार अलग, नाम एक ही मकान नंबर पर

 

Damoh News: दमोह जिले के चार विधानसभा और छह नगरीय निकाय क्षेत्रों में मतदाता सूची में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। कई परिवार अलग-अलग मकानों में रहते हैं, लेकिन उनके नाम एक ही मकान नंबर पर दर्ज हैं। कुछ मतदाताओं के नाम दो-दो बार सूची में शामिल हैं। जुलाई में चुनाव आयोग ने भौतिक सत्यापन शुरू करने के आदेश दिए थे, लेकिन सितंबर तक एक भी रिपोर्ट निर्वाचन शाखा तक नहीं पहुंची।

जांच का मुख्य उद्देश्य ऐसे मतदाताओं और घरों की पहचान करना है, जिनके सदस्य अलग-अलग रहते हैं लेकिन एक ही मकान नंबर में सूचीबद्ध हैं। उप-निर्वाचन अधिकारी ने तीन-तीन रिमांडर जारी किए हैं, फिर भी सत्यापन धीमी गति से हो रहा है। कई जगह 11 सदस्यों के बजाय 15 सदस्य एक ही मकान नंबर में दर्ज पाए गए, जबकि उनका वास्तविक निवास अलग-अलग था। बीएलओ द्वारा उन्हें एक ही मकान में दिखाया गया था।

चुनाव आयोग का मानना है कि यदि एक ही मकान नंबर पर अधिक मतदाता या डुप्लीकेट नाम रहेंगे, तो फर्जी मतदान और अन्य गड़बड़ियों की संभावना बढ़ जाएगी। यही कारण है कि आगामी निकाय चुनाव 2025 में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष जांच जरूरी मानी जा रही है।

समयरेखा

पंचायत चुनाव 2023: डुप्लीकेट नामों के साथ मतदान

विधानसभा चुनाव 2024: कई डुप्लीकेट नाम हटाए गए

जनवरी 2025: संशोधित सूची जारी

17 जुलाई 2025: आयोग ने भौतिक सत्यापन के आदेश दिए

20 अगस्त 2025: बीएलओ को फोटोयुक्त सूची उपलब्ध कराई गई

11 सितंबर 2025: अब तक एक भी रिपोर्ट नहीं आई

उप-जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की चूक आगामी चुनाव को प्रभावित कर सकती है। सभी बीएलओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे मकान नंबर और मतदाता नाम की भौतिक जांच करें और आवश्यक सुधार करें।

गड़बड़ी के कुछ उदाहरण

ग्राम पंचायत अधरौटा: प्रताप सिंह लोधी के 15 सदस्य अलग-अलग रहते हैं, लेकिन सभी का नाम मकान नंबर 25 पर है।

ग्राम पंचायत टौरी: 16 मतदाताओं के नाम दो-दो बार दर्ज हैं, जैसे मंजुलता पति पुष्पेंद्र और मंजुलता मिश्रा पति पुष्पेंद्र मिश्रा; मणिशंकर सेन और मनीशंकर सेन; कपिल मिश्रा दो स्थानों पर। विधानसभा चुनाव 2024 से पहले कई डुप्लीकेट नाम हटाए गए थे, लेकिन जनवरी 2025 में दो नाम अभी भी सूची में हैं।

ग्राम पंचायत भूरी: मकान नंबर 7/2 पर 12 अलग-अलग मतदाताओं के नाम दर्ज हैं, जबकि वे अलग-अलग घरों में रहते हैं।

हटा मोहल्ला क्रमांक-1, मकान नंबर 1168: 11 सदस्य एक ही मकान नंबर में, असल में अलग-अलग घरों में निवास।

बीएलओ ने स्वीकार किया कि कई परिवारों की अलग-अलग आईडी हैं, लेकिन मकान नंबर एक ही लिखा गया है, जो पूरी तरह गलत है। ऐसे मामलों में सूची सुधारना और फर्जी मतदान रोकना बेहद जरूरी है।

इस संशोधन से मतदाता सूची में पारदर्शिता बढ़ेगी और आगामी चुनाव सुरक्षित तरीके से संपन्न होंगे।