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खाद की कमी से किसानों की चिंता बढ़ी, फसल उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

 

Burhanpur News: खरीफ सीजन की बोवनी पूरी हो चुकी है, लेकिन डीएपी, यूरिया और पोटाश खाद की कमी से किसान भारी परेशान हैं। सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता नहीं है, जिससे किसान रोजाना चक्कर काट रहे हैं। निजी दुकानदार महंगे दाम पर खाद बेच रहे हैं, जिसे खरीदना किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है।

अंबाड़ा क्षेत्र में सोयाबीन, मक्का, कपास, उड़द, मूंग, तुअर, हल्दी समेत कई फसलों को खाद की जरूरत है, लेकिन सहकारी समितियों में ये खाद नहीं मिल रही। अंबाड़ा और सारोला समितियों में डीएपी, यूरिया और पोटाश की सबसे अधिक मांग होती है, लेकिन एक महीने से ये तीनों खाद उपलब्ध नहीं हैं।

किसानों ने बताया कि समिति में डीएपी की कीमत 1350 रुपए प्रति बोरी है, जबकि निजी दुकानों पर यह 1600-1700 रुपए में बिक रही है। पोटाश और यूरिया के दाम भी निजी दुकानों में ज्यादा हैं। खाद की कमी और बढ़े दामों से किसानों की लागत बढ़ रही है, जिससे उनकी फसल उत्पादन प्रभावित होने का खतरा है।

सारोला समिति के प्रबंधक सीताराम राठौर ने बताया कि खाद की डिमांड भेज दी गई है और जल्द ही किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन फिलहाल किसानों की मुश्किलें बनी हुई हैं।