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लाडली लक्ष्मी योजना के लिए मध्यप्रदेश के कई जिलों में बजट की कमी

लाडली लक्ष्मी योजना के लिए मध्यप्रदेश के कई जिलों में बजट की कमी
 

मध्यप्रदेश के कई जिलों में इस समय केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली लक्ष्मी योजना के तहत बजट ही नहीं है। ऐसे में 36 हजार से अ​धिक पात्र बालिकाओं के खाते में पिछले वित्तीय वर्ष की किस्त नहीं डाली गई है। बजट नहीं होने के कारण सरकार की यह योजना पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो रही है। सरकार का मकसद इस योजना के तहत बालिकाओं के शैक्ष​णिक स्तर व स्वास्थ्य की ​​स्थिति में सुधार करना है। ऐसे में सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं हाे रहा है। इस योजना के तहत प्रति वर्ष पात्र बालिकाओं के खाते में छह हजार रुपये डाले जाते हैं, जो पांच साल तक डाले जाने हैं। 


लाडली लक्ष्मी योजना के तहत अलग से बजट अलॉट होता है। इस मद में फिलहाल बजट नहीं है। इसका असर मध्यप्रदेश के कई जिलों की योजनाओं पर पड़ रहा है। इन जिलों में पात्र बालिकाओं को अभी तक पिछले वित्तीय वर्ष की किस्त नहीं भेजी गई है। इस योजना के तहत प्रति वर्ष इस मद में बजट डाला जाता है, जो पिछले साल बहुत कम आने के कारण खत्म हाे गया है। वैसे तो आमतौर पर मार्च महीने में बजट अलॉट किया जाता है, लेकिन इस बार अभी तक अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक भी बजट नहीं डाला गया है। इस कारण ग्वालियर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, झाबुआ समेत कई जिलों में यह किस्त जारी नहीं हो सकी है। 


22 करोड़ का होता है बजट
इस योजना के तहत प्रति वर्ष लगभग 22 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 36 हजार पात्र बालिकाओं की किस्त नहीं डाली गई। बजट की कमी के कारण ऐसा हुआ है। ग्वालियर के जिला कार्यक्रम अ​धिकारी डीएस जादौन का कहना है कि इस मद में बजट शासन स्तर से आता है, जल्द ही बाकी बजट अलॉट हो जाएगा और पात्र बालिकाओं के खाते में यह किस्त डाल दी जाएगी। इस योजना की शुरुआत 2027 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ​शिवराज चौहान के शासनकाल में हुई थी।

​शिवराज चौहान की सोच थी कि इससे लिंगानुपात में सुधार आएगा, बालिकाओं का शैक्ष​णिक स्तर और उनके स्वास्थ्य की ​स्थिति में भी सुधार होगा। बालिकाओं के अच्छे भविष्य के लिए यह योजना शुरू की गई थी। योजना का लाभ लेने के लिए बालिका के जन्म के समय ही उसका रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य था। सरकार की तरफ से बालिका के खाते में हर वर्ष छह हजार रुपये जमा करवाने हैं। यह पैसे पांच साल तक जमा करवाने हैं। जब बालिका की आयु 21 साल की हो जाएगी, तब उसे यह रा​शि मिलेगी। इस योजना के तहत एक बालिका को एक लाख 43 हजार रुपये मिलते हैं। 


नहीं मिली रा​शि वापस
प्रदेश में संबल योजना शुरू की गई थी। इसके लिए लाडली लक्ष्मी योजना के मद से रा​शि ले ली गई थी। इसी कारण इस मद में रा​शि कम हो गई, लेकिन यह रा​शि आज तक वापस नहीं की गई। इस मद में बड़ी रा​शि पूल में होती है, इसलिए संबल योजना के लिए यहां से रा​शि ली गई। जल्द ही इस योजना के लिए रा​शि मिल जाएगी और ब​च्चियों के खाते में रा​शि डाल दी जाएगी।