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खरीफ सीजन की फसलें प्रभावित, 35 हजार हेक्टेयर में बुवाई अधूरी

 

Bina News: मानसून सक्रिय होने के बाद क्षेत्र में लगातार रुक-रुककर हल्की बारिश हो रही है, जिससे खेत गीले हैं और किसान सोयाबीन की बोवनी नहीं कर पाए हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसान 10 जुलाई तक सोयाबीन बो सकते हैं, इसके बाद उड़द जैसी 70–80 दिन में तैयार होने वाली फसल लगाना उचित रहेगा, वरना उत्पादन पर असर पड़ेगा।

बीना तहसील में 58 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिसमें खरीफ सीजन में 55 हजार हेक्टेयर में फसल बोई जाती है। इसमें सबसे अधिक 22 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी होती है। अब तक केवल 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही मक्का, धान व सोयाबीन की बोवनी हो सकी है। देरी से बोवनी करने पर सितंबर में बारिश थमने से फसल ठीक से पक नहीं पाएगी, जिससे उपज घट सकती है।

कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे 90 दिन में तैयार होने वाली सोयाबीन या अधिकतम 80 दिन में पकने वाली उड़द की किस्में बोएं। प्रचार-प्रसार के लिए गांव-गांव में अधिकारियों की टीमें सक्रिय हैं।मंगलवार को मौसम साफ होने पर किसान खेतों में बोवनी में जुट गए हैं। यदि अगले दो दिन मौसम खुला रहा, तो 90% से अधिक क्षेत्र में बोवनी पूरी हो सकती है।

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, सही फसल चयन से नुकसान नहीं होगा।