Tikamgarh News: टीकमगढ़ जिले में जल सहेलियों ने श्रमदान कर सातार नदी की सफाई की, जिससे पानी शुद्ध रहे और लोग उपयोग कर सकें
Tikamgarh News: जल गंगा संवर्धन अभियान का हिस्सा बनकर जल सहेलियां आगे आई हैं। जल सहेलियों ने सातार नदी पर श्रमदान सफाई की। वहीं वैसा खास के दो तालाबों से मिट्टी निकालकर किसानों के खेतों में डलवाया गया। जिससे किसानों की उपज भी अच्छी हो। यह कार्य अभियान के तहत किया जा रहा है।
जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत गुरुवार को ओरछा तहसील के ग्राम मथुरापुरा सातार नदी की जल सहेलियों ने साफ सफाई की। यह कार्य शासन के आदेशानुसार जिला कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ के निर्देशन में किया गया। जिले के जल स्त्रोतों को स्वच्छ अविरल रखने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
साथ ही जल संरचनाओं, चंदेल-बुंदेलकालीन तालाबों, कुओं, नदी, बावड़ी की साफ-सफाई की जा रही है। जल संरक्षण के लिए नवीन जल स्त्रोतों का निर्माण कराया जा रहा है। जल के महत्व, जल संरक्षण, चंदेल-बुंदेलकालीन जल संरचनाओं का पुनरुद्धार एवं रख-रखाव के लिए जिले में व्यापक प्रचार-प्रसार, ग्राम सभा एवं अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
जिसके तहत जल संरक्षण संवर्धन के प्रति लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है। जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत परमार्थ समाज सेवी संस्थान की जल सहेलियां इस कार्य में जुटी हैं। जल सहेलियां लगातार श्रमदान के माध्यम से जल संरक्षण संवर्धन के लिए समाज को जागरूक कर रही हैं।
सातार नदी में जल सहेलियों ने बोरी बंधान के माध्यम से श्रमदान कार्य भी किया। श्रमदान में परमार्थ संस्था के कार्यकर्ता मनोज पाल, अभिषेक कुशवाहा एवं 15 जल सहेली बहनें उपस्थित रहीं।
तालाब से निकालकर 1050 ट्रॉली मिट्टी किसानों ने खेतों में डाली
टीकमगढ़। जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत नीति आयोग से आकांक्षी ब्लॉक बल्देवगढ़ के ग्राम पंचायत वैसा खास के चंदेल कालीन देव तालाब में गाद (काली मिट्टी) निकासी का कार्य किया जा रहा है। जिला समन्वयक डॉ. सुनील कटियार के मार्गदर्शन में मप्र जन अभियान परिषद की नवांकुर संस्था ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति ग्राम पंचायत के समन्वय से ग्राम पंचायत वैसा खास में देव तालाब पर गहरीकरण कार्य में सामूहिक श्रमदान किया गया।
अभियान अंतर्गत दो तालाबों पर गहरीकरण कार्य किया जा रहा है। इसमें दूसरा बुफरा तालाब है। समिति सदस्यों द्वारा किसानों को तालाब की मिट्टी खेत पर डालने के लिए जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। किसानों द्वारा अभी तक 1050 ट्रॉली मिट्टी अपने खेत पर डालने का कार्य 60 किसानों द्वारा किया गया।
किसान स्वयं के ट्रैक्टर से मिट्टी अपने खेतों में डालने में जुटे हैं। जिससे तालाब की जल धारण क्षमता बढ़ेगी एवं किसान के खेत उपजाऊ होकर अच्छी पैदावार होगी।