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मध्यप्रदेश में ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटन में अनियमितता, गरीबों पर दबाव

 

MP News: छतरपुर में नगर पालिका द्वारा गौरैया रोड पर पीएम अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत बने 72 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का आवंटन विवादों में है। ये फ्लैट उन लोगों के लिए बनाए गए थे, जिनके पास खुद का मकान नहीं है या झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं। लेकिन आवंटन प्रक्रिया में अधिकारियों द्वारा अनियमितता की शिकायतें सामने आई हैं।

36 फ्लैट स्लम और 36 फ्लैट नॉन-स्लम श्रेणी में रखे गए थे। पांच साल पहले लॉटरी प्रक्रिया से हितग्राहियों का चयन किया गया था। लेकिन अब कुछ हितग्राहियों को गलत कैटेगरी में रखा गया। उदाहरण के तौर पर नगर पालिका के ड्राइवर को स्लम श्रेणी में केवल 2 लाख रुपए में फ्लैट आवंटित किया गया, जबकि गरीब महिला को 3.50 लाख रुपए जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।

वार्ड 22 निवासी रामदेवी नामदेव ने बताया कि उनके पति की मौत हो चुकी है और तीन बेटियों के साथ वह किराए के मकान में रहती हैं। उनके पास गरीबी रेखा कार्ड है और उन्हें स्लम कैटेगरी में फ्लैट मिलना चाहिए था। लेकिन अधिकारी उसे नॉन-स्लम में रखकर अधिक राशि जमा करने का दबाव बना रहे हैं।

नगर पालिका के ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए सूची में छेड़छाड़ की गई है। पहले नॉन-स्लम में रखे गए हितग्राहियों को अब स्लम श्रेणी का लाभ दिया जा रहा है। इसके कारण पात्र गरीबों का हक बाधित हो रहा है।

नगर पालिका के एई देवेंद्र धाकड़ का कहना है कि जो कर्मचारी पात्र हैं उन्हें इसमें लाभ दिया जा रहा है। खाली पड़े फ्लैटों के लिए दोबारा लॉटरी प्रक्रिया कर आवंटन किया जाएगा। मामले की शिकायत सागर कमिश्नर और कलेक्टर से भी की गई है।

यह विवाद शहर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अधिकारों पर सवाल खड़ा कर रहा है और न्यायपूर्ण आवंटन की मांग उठ रही है।