Guna News: प्रदेशभर में नाले-नालियों को साफ़ करने के निर्देश दिए, वही गुना में अब तक टेंडर भी नहीं खुले
Guna News: 6 जून को आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी 413 निकायों में नाले-नालियों की सफाई के लिए एक साथ विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसमें सभी वार्डों में आवासीय व सार्वजनिक क्षेत्र की नालियों से जमी हुई गाद निकालकर गहरी सफाई करना थी, जिससे बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति न बने।
वहीं गुना नगर पालिका क्षेत्र में अभी तक नाले-नालियों की सफाई के टेंडर तक नहीं खुले। नपाध्यक्ष सविता गुप्ता का कहना है कि प्रभारी सीएमओ मंजूषा खत्री के कारण टेंडर जारी करने में रने में देरी हुई। हाल यह है कि शहर के बड़े नाले (गुनिया नदी) में रपटे पर इतना मलबा पड़ा है कि बारिश के दौरान इसके कारण इस इलाके में बाढ़ के हालात बन सकते हैं।
उधर नेता प्रतिपक्ष शेखर वशिष्ठ ने कहा कि ट्यूबवेल खनन और मरम्मत का ठेका लेने वाले ठेकेदार का भुगतान न होने से कई वाडों में लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि नालों व नालियों की सफाई व्यवस्था बीते दो साल से बिगड़ी हुई है। इसके लिए प्रभारी सीएमओ को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
नगर पालिका में गुटबाजी फिर आई सामने
शनिवार को कलेक्टर ने नगर पालिका की मीटिंग बुलाई थी। इसमें नपाध्यक्ष सहित कई पार्षद शामिल नहीं हुए। उनका कहना था कि बैठक के संबंध में विधिवत सूचना नहीं दी गई। वहीं बैठक में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष शेखर वशिष्ठ ने कहा कि नपा के ग्रुप में कलेक्टर का पत्र जारी किया गया था। साथ ही अध्यक्ष व पार्षदों को फोन करके सूचना भी दी गई थी। इस बैठक में कांग्रेस पार्षदों के अलावा भाजपा के असंतुष्ट ग्रुप के पार्षद शामिल हुए।
इनमें नपा उपाध्यक्ष धरम सोनी भी हैं। हालांकि बहुमत उन पार्षदों का रहा, जो बैठक में नहीं पहुंचे। बहरहाल बैठक में जलसंकट का मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ठेकेदार को भुगतान न किए जाने से ट्यूबवेल खनन नहीं हो रहा है। उनके वार्ड के दो ट्यूबवेल में पानी नहीं आ रहा है। इस मामले में नपाध्यक्ष का कहना है कि प्रभारी सीएमओ के पास फाइल अटकी हुई है, जिससे भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि 15 वाडों के काम भी इसी वजह से अटक गए हैं।
इन जगहों पर ओवर फ्लो हो सकता है पानी
निचले बाजार रपटे पर निर्माण कार्य के चलते भारी मात्रा में मलबा निकला। यह मलबा गुनिया नदी में ही छोड़ दिया गया है। इससे नदी उथली हो गई। तेज बारिश के दो दौर में ही यहां बाढ़ आ जाएगी। एबी रोड पर बड़े पुल से जयस्तंभ चौराहे तक दोनों ओर नाले में गाद और कचरा पड़ा हुआ है। यहां तो एक ही तेज बारिश में पूरा गंदा पानी सड़कों पर बह निकलेगा।
इस नाले की सफाई तो कई सालों से नहीं हुई। हर बार बारिश में जब यह ओवर फ्लो होता है तो थोड़ी सी सफाई कर दी जाती है। हाट रोड के दोनों ओर वाले नाले भी कचराघर बन गए हैं। इनकी सफाई कई साल से नहीं हुई। हर साल इसके कारण सड़क पर गंदा पानी बहने लगता है। जबकि शहर के बड़े नालों में यह शामिल है।
19 मई को हुए टेंडर
नपाध्यक्ष ने बताया कि सफाई के लिए 19 मई को टेंडर हुए। इसकी राशि 10 लाख से अधिक है, इसलिए ठेकेदारों को बिड डालने के लिए 15 दिन का समय देना पड़ता है। यह टेंडर सोमवार यानि 9 जून 2025 को खुलेगा। इसके बाद सीएमओ की टीप लगेगी। फिर यह फाइल नपाध्यक्ष के पास आएगी। कागजी खानापूर्ति के बाद ठेकेदार को एग्रीमेंट के लिए 15 दिन का मौका देना होगा। तब तक मानसून आ जाएगा। नपाध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने अप्रैल में ही नोटशीट चला दी थी।
आयुक्त के निर्देश
- नगरीय निकायों को निर्देश दिये गये है कि नाले-नालियों के ऊपर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तत्काल की जाये।
- शहरी क्षेत्रों में बीमारियों की रोकथाम के लिये ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है। नगरीय निकायों में कार्यरत सफाई कर्मियों के कार्यों की सतत निगरानी रखने के लिये भी कहा गया है। - मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी इकाइयों के माध्यम से सूखे एवं गीले कचरे को अलग अलग घटकों में बांटकर प्रसंस्करण के लिये भेजा जाए।