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Mandsaur: मंदसौर में औषधिय फसल से जुड़े उद्योग होंगे स्थापित, रोजगार का बनेगा हब

 

Mandsaur News: फसल के रूप में सोना उगलने वाली माटी अब जिले को आत्मनिर्भर बनाएगी। जिले की जलवायु और परिवहन से लेकर फसलों का उत्पादन अब जिले की अर्थव्यवस्था को गति देंगे और यहीं जिले को रोजगार का हब बनाएंगे। क्षेत्र में तमाम अनुकूलता है। इसी कारण 3 मई को जिला मुख्यालय पर कान्क्लेव में उद्यानिकी व औषधिय फसल से जुड़े उद्योग जिले में लाने की तैयारी की जा रही है। 

वर्तमान में यह फसल अन्य राज्यों में जा रही है। जिले में ही इनसे जुड़े उद्योग व प्रस्संकरण यूनिट से परिवहन से लेकर उद्योगों में रोजगार बढ़ेगा तो किसान भी आत्मनिर्भर होगा और खेती लाभ का धंधा बनेगी व युवाओं को रोजगार मिलेगा। इन सबके अलावा किसान फसल चक्र को अपनाते हुए रबी व खरीफ सीजन में परंपरागत को छोड़ उद्योग आधारित फसलों की खेती करेगा। 

उद्योगपतियों को आकर्षिक करने के लिए सुविधायुक्त औद्योगिक क्षेत्र भी तैयार हो चुके है। जितनी यूनिट आएगी उसके हिसाब से रोजगार भी सृजित होगा।

उद्यानिकी फसलों से उद्योग लाकर रोजगार के अवसर होंगे तैयार

जिले में दो लाख 34 हजार से अधिक किसान फसलों की बोवनी करते है। रबी व खरीफ सीजन में मुय फसलों के अलावा जिले में उद्यानिकी फसल का रकबा वर्तमान में 1 लाख 15 हजार 469 हेक्टेयर है तो उत्पादन 7 लाख 27 हजार 50 मैट्रिक टन है। वहीं जिले में कृषि का रकबा 3 लाख 56 हजार 200 हेक्टेयर है। 

जिले की जलवायु अनुकूल है तो मिट्टी भी उपजाऊ है जो बंपर फसलों का उत्पादन कर रही है तो एक्सप्रेस लेकर हाईवे के रूप में बेहतर सडक़ परिवहन व अब रेल परिवहन भी सुगम है। इसी कारण सरकार ने मंदसौर जिले को चिन्हित किया और मालवा में रोजगार का हब बनाने की तैयारी के लिए पहली बार फसलों से जुड़ा कान्क्लेव हो रहा है।

कृषक समलेन एवं एग्री.हॉर्टी एक्सपो में राज्य व जिले स्तर के विशेषज्ञों के 80 स्टॉल लगाए जाएंगे। जहां पर कृषि और इससे जुड़े उद्योग को लेकर किसानों को उद्यमी बनने के लिए जानकारी दी जाएगी। 8 विभागों के 80 स्टाल लगेंगे। इनमें उन्नत तकनीकी, खेती से जुड़ी नवीन तकनीकि व नवाचार के बारें में बताया जाएगा।

उद्योग से आएंगे रोजगार, मिलेगी जिले की अर्थव्यवस्था को गति
जिले में उद्यानिकी फसलों की अनुकूलता है। उद्यानिकी में फलों से लेकर फूल व सब्जी से लेकर औषधिय व मसाला फसलों का बड़े पैमानें पर उत्पादन होता है। यह फसल अन्य राज्यों तक जा रही है। ऐसे में इस फसल से जिले में ही उद्योग तैयार होंगे। इससे परिवहन से लेकर उद्योगों में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे। उद्यानिकी व औषधिय फसलों को प्लेटफॉर्म मिलेगा तो किसान भी परंपरागत फसलों की खेती को छोड़ नवाचार से जुडकऱ इनकी खेती करेगा। इससे किसान आत्मनिर्भर बनेगा तो खेती लाभ का धंधा और युवाओं को जिले मे ही रोजगार मिलेगा तो जिले की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी

जिले की प्रमुख उद्यानिकी फसलों का उत्पादन

फल (संतरा, नींबू, अमरूद) उत्पादकता- 10.86 मैट्रिक टन

सब्जी (प्याज, टमाटर, कद्दू, गोभी व अन्य) उत्पादकता-15.18 मैट्रिक टन

मसाला (धनिया, लहसुन, मैथी, अजवाईन) उत्पादकता-3.83 मैट्रिक टन

औषधिय (अश्वगंधा, इसबगोल, तूलसी, कलौंजी, चन्द्रसूर) उत्पादकता-1.13 मैट्रिक टन

फूल (गुलाब, गेंदा एवं सेवन्ती) उत्पादकता- 7.33 मैट्रिक टन

जिले में उद्यानिकी फसल का रकबा- 115469 हेक्टेयर

जिले में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन-702750.21 मैट्रिक टन