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Bina News: भारत अमृत कुंभ है, सैनिक और शहीद इसकी अमृत संतान हैं, इसी कारण से ये अजर-अमर है: भावसागर

मैं देश की माताओं-बहनों का आह्वान करता हूं कि दो बच्चे अपने लिए रखें और तीसरा बच्चा राष्ट्र और धर्म के लिए मां भारती के चरणों में समर्पित कर दें। इस देश की नारी को चाहिए कि वह अपनी कोख से ऐसा बहादुर-बेटा पैदा करे जो जरूरत पड़ने पर देश की आन-बान और शान के लिए अपनी जान भी कुर्बान कर दे। ऐसा दाता-बेटा पैदा करें जो न्याय, नीति से खूब कमाएं और देश संकट में हो तो दानवीर भामाशाह की तरह अपने खजाने खोल दे। ऐसा भक्त-बेटा पैदा करें।
 

Bina News: दिगंबर जैन धर्मशाला संत निवास में मुनि धर्मसागर महाराज, मुनि भावसागर महाराज के सानिध्य में प्रातः काल की बेला में मांगलिक क्रियाएं हुई। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि भावसागर महाराज ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए पूरे भारत के लोगों को 108 बार ओम का जाप प्रतिदिन करना चाहिए और धार्मिक अनुष्ठान करना चाहिए। भामाशाह की तरह दान भी देना चाहिए और तीनों सेनाओं का उत्साह वर्धन करना चाहिए। जिस देश का सैनिक जागरूक होगा, वह देश कभी नष्ट नहीं हो सकता।

जागरूक सैनिक देश को अमन-चैन दे सकता है। सैनिक का मिशन एक ही है देश-सुरक्षा। भारत अमृत कुंभ है, सैनिक और शहीद इसकी अमृत संतान है। इसी कारण से ये अजर-अमर हैं। बड़े-बड़े लोग देखते-देखते काल के गाल में समां जाते हैं मगर सैनिक और शहीद मृत्युंजयी होते हैं। ये मरते तो हैं लेकिन मरकर और भी अधिक जीवित हो उठते हैं। शहीद कभी भूतपूर्व नहीं होते। ये हमेशा ही अभूतपूर्व होते हैं। शहीद वह है, जो देश के लिए कुर्बान हो जाता हैं, सिपाही वह है, जो देश को बर्बादी से बचाता है।

मैं देश की माताओं-बहनों का आह्वान करता हूं कि दो बच्चे अपने लिए रखें और तीसरा बच्चा राष्ट्र और धर्म के लिए मां भारती के चरणों में समर्पित कर दें। इस देश की नारी को चाहिए कि वह अपनी कोख से ऐसा बहादुर-बेटा पैदा करे जो जरूरत पड़ने पर देश की आन-बान और शान के लिए अपनी जान भी कुर्बान कर दे। ऐसा दाता-बेटा पैदा करें जो न्याय, नीति से खूब कमाएं और देश संकट में हो तो दानवीर भामाशाह की तरह अपने खजाने खोल दे। ऐसा भक्त-बेटा पैदा करें।


कुछ नामुमकिन नहीं सिर्फ संकल्प जरूरी

यदि माता-पिता अपने घर एक होनहार बेटा चाहते है तो ऐसे पुत्र को जन्म दो, जो जननी और जन्मभूमि के काम आ सके। देश की सुरक्षा के लिए जवानों का महत्व कम नहीं है। सीमा पर अपनी जान हथेली पर रखकर जो देश को दुश्मनों से बचाने में जुटे हैं, ऐसे जांबाज सैनिक धन्य है। कई मांओं को अपने लाल और पत्नियों को अपना सुहाग खोना पड़ा पड़ा है। कई शहीदों को अपने प्राण न्यौछावर करने पड़े हैं, इनकी दुआएं और सेवाएं पूरे देश के लिए होती हैं। भारत में कुछ भी नामुमकिन नहीं है, सिर्फ संकल्प और साहस की जरूरत है।