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MP के इस जिले में मां दुर्गा के जगह 9 दिनों तक पंडाल बनाकर रावण की होती है पूजा, रावण को देवता मानते हैं यहां के लोग

 

Shardiya Navratri 2025 : हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्यौहार का बहुत ज्यादा महत्व है। 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा धरती पर स्वर्ग से आती है और 9 दिनों तक अपने भक्तों के साथ रहती है।मध्य प्रदेश में एक ऐसी जगह है जहां नौ दिनों तक रावण की पूजा की जाती है और यहां रावण की मूर्ति भी स्थापित होती है।

हम बात कर रहे हैं जिले में स्थित जमुनिया गांव की, जहां नवरात्रि के दिनों में पूरे नौ दिन एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। यहां मां दुर्गा के बजाय रावण के लिए पंडाल सजाया जाता है और आदिवासी समुदाय के द्वारा रावण की पूजा की जाती है।

 यहां के आदिवासी समुदाय का मानना है कि भगवान शिव आदिवासी समुदाय के गुरु हैं।  रावण भगवान शिव का परम भक्त था इसलिए हम रावण को गलत नहीं मानते हैं बल्कि रावण की पूजा करते हैं।

 यहां के आदिवासी समुदाय के लोग रावण दहन को बहुत ही गलत मानते हैं और उनका कहना है कि यह उन्हें बेहद दुख देता है। रावण के पुतले का दहन नहीं होना चाहिए इससे काफी ज्यादा वहां के समुदाय के लोगों को दुख होता है।

आदिवासियों का कहना है कि, वो रामायण वाले रावण की नहीं, बल्कि अपने पूर्वज के तौर पर रावण की पूजा करते हैं। उनका ये भी मानना है कि, भगवान शिव के भक्त के तौर पर भी रावण उनके लिए पूजनीय हैं।

उन्होंने बताया कि, वे सभी धर्म का सम्मान करते हैं। यहां मां दुर्गा के पंडाल में उनकी पूजा हो जाने के बाद ही अपने पूर्वज के तौर पर रावण की पूजा करते हैं। उन्होंने बताया कि, उनके पूर्वज सालों से रावण की पूजा करते चले आ रहे हैं, वे भी अपनी ये परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।