MP में अब स्कूलों में अब 75 से अधिक बच्चे होने पर लगेगी 3 शिक्षकों की ड्यूटी, शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश
MP News: मध्य प्रदेश राज्य में शिक्षकों की ड्यूटी को लेकर शिक्षा विभाग ने नए आदेश जारी किए हैं। प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने हेतु शिक्षा विभाग का 75 से अधिक बच्चे किसी स्कूल में होने पर स्कूल में तीन शिक्षकों की ड्यूटी लगाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने पूर्व में जारी शालाओं की पद संरचना में बदलाव कर नवीन पद संरचना के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद प्राथमिक स्कूल में शिक्षकों की पद स्थापना में बच्चों की छात्र संख्या 15 बढ़ा दी है। यानी अब पहले की तुलना में ज्यादा स्टूडेंट होने पर ही शिक्षक बढ़ सकेंगे। छात्रों की संख्या 75 से कम होने पर सिर्फ दो शिक्षक ही रहेंगे। इस आदेश के बाद से ही जिले समेत प्रदेशभर में शिक्षकों का विरोध शुरू हो गया है। पुराने नियम को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
स्कूलों की नई पद संरचना ऐसी रहेगी
पहले 60 बच्चों तक दो शिक्षक जरूरी थे। इस नियम में किसी प्रकार का कोई बदलवा नहीं किया है।
61 या इससे ज्यादा होने पर पहले तीन शिक्षक का नियम था। अब 75 से अधिक होने पर तीन शिक्षकों की नियुक्ति हो सकेगी।
91 या इससे अधिक स्टूडेंट होने पर स्कूलों में पहले चार शिक्षक रखने का नियम था। अब 105 या अधिक होने पर चार शिक्षक रहेंगे।
121 या अधिक होने पर पहले पांच शिक्षक का नियम था। लेकिन अब 135 या इससे अधिक होने पर स्कूल में पांच शिक्षक रहेंगे।
150 से अधिक होने पर 5 शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक रहेंगे।
200 से अधिक होने पर छात्र शिक्षक अनुपात (प्रधानाध्यापक को छोड़कर) चालीस (1 अनुपात 40) से अधिक नहीं होगा।
दसवीं तक के स्कूल में 415 से ज्यादा स्टूडेंट होने पर मिलेगा एक शिक्षक
शिक्षा विभाग ने खेल शिक्षक को लेकर भी आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार कक्षा एक से 10वीं तक के ऐसे स्कूल जहां 415 से ज्यादा बच्चे हैं तो स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक खेल का एक पद स्वीकृत किया है। यानी अब ऐसे स्कूल में खेल शिक्षक भी रह सकेंगे। वहीं 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक का एक पद स्वीकृत किया गया है।
शिक्षा विभाग के फैसले का शिक्षकों ने किया विरोध
मप्र शिक्षक संघ ने विरोध किया है। संघ के जिलाध्यक्ष गोपाल उपाध्याय ने बताया कि नई पद संरचनाओं में वर्तमान की तुलना में छात्र संख्या 15 अधिक कर दी है। संघ के संरक्षक सर्वेश कुमार माथुर, जगदीश उपमन्यु, जिला सचिव जितेंद्र सिंह चौहान, बाबूलाल छाबड़ा, बीएल मडोतिया आदि ने विरोध किया है।