एमपी में कर्ज के बदले पिता ने 8 साल के बेटे को रखा गिरवी, रोती रही मां लेकिन पत्थर दिल ठेकेदार का नहीं पिघला दिल
Madhya Pradesh news: मध्य प्रदेश में एक मां को अपने जिगर के टुकड़े को गिरवी रखना पड़ा। ठेकेदार से कुछ हजार पैसे एक दम्पति ने लिया था लेकिन वह ब्याज नहीं चुका पा रहे थे, इसके बदले ठेकेदार ने उनके बच्चों को गिरवी रखने को कहा। मां रोती रही लेकिन ठेकेदार का दिल नहीं पसीजा। मां को अपने 8 साल के बेटे को ठेकेदार के पास छोड़ना पड़ा। इसके बाद सामाजिक संगठनों ने 6 साल के बेटे को छुड़ा लिया लेकिन 8 साल का बेटा ठेकेदार के पास ही रह गया। इस मामले में पुलिस ने ठेकेदार के ऊपर केस दर्ज किया है वही बच्चों को माता-पिता के पास छोड़ दिया गया है और कानूनी कार्रवाई चल रही है।
साल 2019 में सरिता और उनके पति ने एक ठेकेदार रुपेश शर्मा से ₹50000 लिया था। जन्नत मेहनत करने के बाद भी ठेकेदार को वह पैसा नहीं लौट पाए इसके बाद ठेकेदार ने उन्हें 60000 देने को कहा। पति पत्नी पैसे नहीं लौट पाए इसके बाद ठेकेदार ने कहा कि अपने बेटे को गिरवी रख दो। माता-पिता दुख से रोने लगे।
माता-पिता के बच्चे को गिरवी रखने के बाद बच्चे से ठेकेदार जानवर चरावत रहा। माता-पिता ने कई दिन गुहार लगाया कि उसके बच्चे को छोड़ दिया जाए लेकिन ठेकेदार ने बच्चों को नहीं छोड़ा। 6 साल के बाद 12 सितंबर 2025 को बच्चों को ठेकेदार के चुंगल से आजाद कराया गया। बाल श्रम कानून के विभिन्न धाराओं के अंतर्गत इसके लिए किस दर्ज किया गया है।
बच्चों को छिंदवाड़ा के बाल गृह भेजा गया है वही माता-पिता को उचित दस्तावेज लाने को कहा गया है। दस्तावेज दिखाने के बाद ही बच्चे को माता-पिता के पास जाने की इजाजत दी जाएगी। जन साहस की कार्यकर्ता पल्लवी ने कहा कि माता-पिता के पास कोई भी कागजात नहीं है। उनके पास केवल आंगनबाड़ी का जच्चा बच्चा कार्ड है। माता-पिता के लिए बच्चों को छुड़ा लिया गया फिर भी आज माता-पिता तड़प रहे हैं।