Burhanpur News: 15 साल में 150 खेत तालाब, 100 चेक डैम सहित अन्य जलस्रोत बनाए
Burhanpur News: आदिवासी बहुल धुलकोट क्षेत्र की ग्राम पंचायत हरदा। इसमें हरदा और ढिमानिया गांव शामिल। जल संरक्षण, संवर्धन, पर्यावरण, नशा मुक्ति, खेती, परंपराएं, संस्कार, रोजगार सहित अन्य क्षेत्रों में पिछले 15 साल में ऐसे सार्थक कार्य किए कि कलेक्टर से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सरपंच सुभान सिंह चौहान को सम्मानित किया। पंचायत ने गांव में 150 खेत तालाब, 100 चेक डैम, 15 निस्तार तालाब, 70 मेढ़ बंधान,400 कंटूर ट्रेंच, 70 कपिल धारा कुएं बनाए। 50 सोख्ता गड्ढे और कुओं के पास 25 सॉक पिट बनाए।
इससे फायदा यह हुआ कि 15 साल पहले यहां की 20 फीसदी जमीन ही सिंचित थी। अब यहां 80 प्रतिशत हिस्से में भरपूर सिंचाई हो रही है। पंचायत ने 400 हेक्टेयर जंगल भी कटने से बचाया है।सुभान सिंह चौहान के अलावा उनकी मां पार्वती बाई चौहान भी सरपंच रहीं। जल संरक्षण के साथ ही पंचायत ने पर्यावरण को लेकर भी कई कार्य किए हैं। क्षेत्र की पहचान सीताफल और आम के उत्पादन से है। पंचायत के प्रयासों से क्षेत्र में सीताफल के साढ़े तीन लाख पेड़ हो गए हैं।
पंचायत के तहत 27 गौत्र के लोग रहते हैं। सभी का एक ईस्ट वृक्ष है। इसके पूजन के साथ सभी पर्यावरण की दिशा में काम कर रहे हैं। वन माफियाओं से बचाई जमीन पर पंचायत ने पौधा रोपण किया। अब इस जंगल में आसपास के 10 गांवों के मवेशी चरने आते हैं। पूर्व में चीन यात्रा के लिए चयनित प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में हरदा पंचायत भी शामिल रही। सरपंच सुभान सिंह चौहान को नशा मुक्ति के लिए किए गए कार्यों को लेकर विवेकानंद पुरस्कार भी मिल चुका है।
संकल्प लिया-हर घर पक्का होगा
सुभान सिंह बताते हैं गांव में पहले सभी घर कच्चे थे। 2009 में कच्चे मकान की दीवार गिरने से चचेरे भाई भोपाल सिंह की मौके पर मौत हो गई थी। तब मैं सरपंच नहीं था। इस घटना के बाद से ही ठाना कि गांव का कोई भी घर कच्चा नहीं रहेगा। सरपंच बनने के बाद गांव में 75 फीसदी घर पक्के बन चुके हैं। जो बाकी हैं, जल्द ही वो घर भी पक्के हो जाएंगे।