ट्रेनों में खराब खाद्य सामग्री बेच रहे अवैध वेंडर, रेलवे प्रशासन चुप
Tikamgarh News: टीकमगढ़ रेलवे स्टेशन पर केवल 6 वेंडर रजिस्टर्ड हैं और इन्हें भी सिर्फ प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने की अनुमति है। इसके बावजूद ट्रेनों में रोजाना बड़ी संख्या में अवैध वेंडर घुसकर यात्रियों को खराब और घटिया खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। इससे यात्रियों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन रेलवे अफसर मौन हैं।
बरौनी-अहमदाबाद एक्सप्रेस में सफर कर रहे एक यात्री ने वेंडर से आलू बड़ा खरीदा, लेकिन खाने पर उसमें सड़ा आलू निकला। जब यात्री ने दूसरे वेंडर से शिकायत की तो उसने कहा कि पेंट्रीकार के वेंडर आलू बड़ा बेचते ही नहीं हैं, यह बाहर का अवैध वेंडर होगा। यह घटना बताती है कि किस तरह से अवैध वेंडर ट्रेनों में खुलेआम यात्रियों को ठग रहे हैं।
ललितपुर, टीकमगढ़, छतरपुर और खजुराहो के बीच चलने वाली ज्यादातर ट्रेनों (वंदे भारत को छोड़कर) में बड़ी संख्या में अवैध वेंडर मिलते हैं। ये वेंडर ललितपुर से ट्रेन में चढ़कर खजुराहो तक जाते हैं और फिर वापस लौटते समय भी इसी तरह सामान बेचते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि आरपीएफ द्वारा कभी भी इनकी जांच नहीं की जाती।
अवैध वेंडर सिर्फ समोसे या स्नैक्स ही नहीं, बल्कि गुटखा, तंबाकू, बीड़ी और सिगरेट तक बेचते हैं, जबकि यह सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिबंधित है। पेंट्रीकार के असली वेंडर हल्के नीले रंग की शर्ट में निर्धारित यूनिफॉर्म पहनते हैं, जबकि अवैध वेंडर सामान्य और रंग-बिरंगे कपड़ों में रहते हैं। यात्रियों को असली और नकली वेंडर की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
यात्रियों का कहना है कि खराब गुणवत्ता का खाना खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। वहीं, रेलवे अधिकारी सिर्फ इतना कह रहे हैं कि आरपीएफ कमांडेंट से बात कर कार्रवाई कराई जाएगी। हालांकि, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।