छतरपुर के स्कूलों के पास अवैध खनन से बनी खाइयां खतरे की वजह
Chhatarpur News: जिले में हो रहे निर्माण कार्यों और सड़क परियोजनाओं के दौरान अवैध खनन ने स्कूलों और मुख्य मार्गों के पास खतरनाक खाइयां बना दी हैं। बारिश के पानी से ये खाइयां भर गई हैं, जिससे स्थानीय छात्रों और ग्रामीणों के लिए हादसों का खतरा बढ़ गया है।
गौरगाय शासकीय माध्यमिक स्कूल में 153 छात्र पढ़ते हैं। स्कूल परिसर की भूमि पर 5 साल पहले तक एक छोटा तालाब था, जिसे अवैध खनन के दौरान बड़ा तालाब बना दिया गया। अब यहां 15 फीट तक गहरी खाइयां हैं, जिनमें बारिश का पानी भर गया है। स्कूल के शिक्षक बच्चों की सुरक्षा के लिए सुबह, दोपहर और शाम ड्यूटी लगाते हैं। स्कूल की बाउंड्री के लिए 18 लाख रुपए स्वीकृत हैं, लेकिन भूमि पर भूमाफिया के कब्जे के कारण निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा। छह महीने पहले बाउंड्री का भूमिपूजन भी किया गया था, लेकिन तब से अब तक निर्माण रुक गया है।
इसी तरह, खीर महेरी प्राथमिक स्कूल के पास भी अवैध खनन से बनी खाई स्कूल से केवल 50 मीटर की दूरी पर है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के ठेकेदार ने 9 साल पहले सड़क निर्माण के दौरान यहां छोटी खाई खोदी थी। स्थानीय लोगों ने बाद में इसे बढ़ा दिया। इसमें बारिश का पानी भर गया है, जिससे 36 छोटे बच्चों के लिए खतरा पैदा हो गया है। स्कूल के पास कोई सुरक्षा बाड़ या चेतावनी बोर्ड नहीं है, जिससे जोखिम और बढ़ गया है।
धौरी पंचायत के कूड़नताल रोड स्थित माध्यमिक स्कूल के पास भी अवैध खनन से खाई बनी है। यह स्कूल से केवल 10 मीटर की दूरी पर है और इसमें बारिश का पानी भर गया है। 222 बच्चों को खतरा है। यह खाई 12 साल पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत डामर सड़क निर्माण के दौरान बनी थी। बाद में स्थानीय लोगों ने यहां मुरम का अवैध खनन किया, जिसकी शिकायत तत्कालीन सरपंच ने खनिज विभाग में की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जिला पंचायत सीईओ से इस मामले में बातचीत की गई है। गौरगाय स्कूल की बाउंड्री निर्माण और खीर महेरी व धौरी स्कूल के पास सुरक्षा इंतजाम कराने के लिए प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों से समन्वय करने की बात कही है।
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन से बनी खाइयां बच्चों और आम लोगों के लिए गंभीर खतरा हैं। स्कूलों के पास सुरक्षा की कमी और पानी भरी खाइयों के कारण छोटे बच्चों और ग्रामीणों को हर दिन हादसे का जोखिम उठाना पड़ रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी प्रभावी कदम नहीं उठा रहे हैं।
इस स्थिति ने स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ा दी है। स्कूलों की बाउंड्री का निर्माण और खतरनाक खाइयों के चारों ओर सुरक्षा बाड़ लगाने की मांग ग्रामीण लगातार कर रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए इसे प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा करने की आवश्यकता है।