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महाराजपुर में रेत का अवैध खनन और परिवहन जारी

 

Chhatarpur News: महाराजपुर क्षेत्र में उर्मिल, कुम्हेड और बर्रानाला नदियों से रेत का अवैध खनन और परिवहन लगातार जारी है। भारी बारिश के कारण नदियों में रेत जमा हो गई है, जिसका फायदा उठाकर रेत माफिया दिन-रात ट्रैक्टरों से रेत निकाल रहे हैं। हर ट्रैक्टर मालिक 10 से 15 मजदूरों को नदियों से रेत निकालने में लगा रहा है। मजदूरों को पानी से ट्रॉली निकालने पर 800 से 1,000 रुपये मिलते हैं, जबकि किनारे से रेत निकालने पर 600 से 700 रुपये मिलते हैं।

रेत माफिया खनिज और राजस्व विभाग से मिलीभगत करके खुलेआम अवैध खनन कर रहे हैं। नदियों में बड़े गड्ढे खोदे गए हैं और पुरानी रेत निकालने का काम चल रहा है। महाराजपुर क्षेत्र में लगभग 70 से 80 ट्रैक्टर प्रतिदिन काम कर रहे हैं और 250 से 300 ट्रॉली रेत का कारोबार हो रहा है।

ट्रैक्टर चालकों ने बताया कि उन्हें हर माह स्थानीय पुलिस, राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारियों को कमीशन देना पड़ता है। इसके कारण अवैध खनन और परिवहन बिना रोक-टोक जारी है। थाना और तहसील के सामने से भी रोजाना रेत से भरे ट्रैक्टर निकलते रहते हैं।

उर्मिल नदी से उजरा, खिरी मलका, सूडा और खिरवा सिंहपुर, कुम्हेड नदी से नेगुवां, मजगुवां, ढिगपुरा, सिमरधा, झिकमऊ और उर्दमऊ से लेकर सेला, दिलनियां, मऊ, पुतरी और बिकौरा तक बड़े पैमाने पर रेत खनन हो रहा है। ट्रैक्टरों द्वारा रेत महाराजपुर, गढ़ीमलहरा, टटम, महोबा, लुगासी, श्रीनगर, छतरपुर, खिरवा और ऊजरा तक पहुँचाई जा रही है।

इस तरह का अवैध खनन नदियों की पारिस्थितिकी और ग्रामीण जीवन के लिए खतरा बना हुआ है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत और कमीशन के कारण इसे रोका नहीं जा पा रहा है।