छात्रावासों में नियमों की अनदेखी, वर्षों से एक ही वार्डन तैनात, फर्जीवाड़े के आरोप
Tikamgarh News: जिले के कई छात्रावासों में नियमों को ताक पर रखकर वर्षों से एक ही वार्डन की नियुक्ति बनी हुई है। शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते कई छात्रावासों में 3 साल की तय अवधि पार कर चुके वार्डन अब भी पद पर जमे हुए हैं। पलेरा, बल्देवगढ़, भेलसी, जतारा और कुंडेश्वर के छात्रावासों में 5 से 8 साल तक एक ही व्यक्ति को वार्डन बनाए रखा गया है, जो नियमों के खिलाफ है।
शासन के अनुसार, वार्डन का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष का होता है, जिसके बाद बदलाव अनिवार्य होता है। लेकिन पलेरा के एक छात्रावास में मिथलेश अहिरवार पिछले 8 वर्षों से वार्डन हैं। वहीं नवाचार बालिका छात्रावास पलेरा में गीता अहिरवार 6 साल से पद पर हैं। जतारा में हेमलता खरे 7 साल से वार्डन हैं और कुंडेश्वर में लवली बुंदेला की नियुक्ति भी सवालों में है।
बल्देवगढ़ और भेलसी दोनों का प्रभार एक ही वार्डन को
शासकीय माध्यमिक शाला डुडूखेरा में पदस्थ शिक्षिका गनेशी गुप्ता को 2020 में बल्देवगढ़ बालिका छात्रावास का वार्डन नियुक्त किया गया था। लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद उन्हें पद से नहीं हटाया गया। उल्टा 2022 में जिला शिक्षा केंद्र ने उन्हें भेलसी के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय छात्रावास का वार्डन भी बना दिया। अब वे दोनों छात्रावासों से मानदेय और स्कूल से वेतन ले रही हैं।
फर्जीवाड़े के आरोप, विधानसभा में उठा मामला
छात्रावासों में नियुक्तियों को लेकर फर्जीवाड़े के आरोप भी लगे हैं। हाल ही में विधानसभा में खरगापुर विधायक चंदारानी गौर ने जतारा और डूडा के छात्रावासों में एक ही परिवार के लोगों की प्रतिनियुक्ति पर सवाल उठाया। आरोप था कि इन लोगों ने शासन की योजनाओं में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। जवाब में विभाग ने कहा कि नारायणदास वर्मा और माधुरी वर्मा एक ही परिवार के नहीं हैं, लेकिन जांच में सामने आया कि माधुरी, भारती वर्मा की बहन हैं और भारती, नारायणदास वर्मा की पत्नी हैं।
नियमों की हो रही अनदेखी
शासन के नियमों के अनुसार जिस विद्यालय में छात्राएं पढ़ती हैं, उसी स्कूल की शिक्षिका को वार्डन बनाया जाना चाहिए। लेकिन कई मामलों में यह नियम भी नहीं अपनाया गया। वार्डन नियुक्तियों में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा केंद्र और आदिम जाति कल्याण विभाग की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। तय प्रक्रियाओं का पालन न होने से छात्रावासों की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
15 अगस्त के बाद कार्रवाई का दावा
नई जिम्मेदारी संभालने वाले जिला शिक्षा अधिकारी हनुमत सिंह चौहान ने कहा कि छात्रावासों में वार्डन की नियुक्ति शासन के तय नियमों के अनुसार ही की जाएगी। 15 अगस्त के बाद इस पर कार्रवाई शुरू की जाएगी और लंबी अवधि से पदस्थ वार्डनों की समीक्षा की जाएगी।