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Mp news: पुलिस, स्वास्थ्य, खाद्य पानी और ईंधन आपूर्ति सहित सभी प्रमुख विभागों की छुट्टियां रद्द अस्पतालों में भी अलर्ट

 

mp news:युद्ध जैसे हालात और आंतरिक सुरक्षा के मद्देनजर राज्य सरकार सतर्क हो गई है। सरकार ने पुलिस, स्वास्थ्य, खाद्य, पानी और ईंधन आपूर्ति सहित सभी प्रमुख विभागों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में तीन मंत्रियों की एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी हालात पर लगातार नजर रखेगी। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की एक टीम सक्रिय की गई है। सुबह समत्व में उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसके बाद देर शाम मुख्यमंत्री ने सभी एसपी, कलेक्टर, आईजी, डीआईजी और कमिश्नरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग की। उन्होंने सभी को अलर्ट पर रहने और अपनी-अपनी व्यवस्थाएं सुदृढ़ रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा हमारा

धर्म है। सभी नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सेवाएं बिना रुके चलती रहनी चाहिए। उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने और राष्ट्र विरोधी प्रचार पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

केंद्रीय व राज्य सरकार के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया है। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक नागरिक सुविधाओं से जुड़े विभागों के अधिकारी और फील्ड स्टाफ अवकाश पर नहीं जाएंगे।

इन खास मसलों पर बात : -

पुलिस, खाद्य, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, नगरीय विकास, ऊर्जा, पीएचई, एनवीडीए और जल संसाधन विभाग के लोगों को खासतौर पर कहा गया है कि वे मुख्यालय न छोड़ें। अवकाश पर भी न जाएं।


नेशनल वॉर बुक, स्टेट वॉर बुक और सिविल डिफेंस के हिसाब से जो भी प्रमुख स्थान थे उन्हें सूची बद्ध कर लिया गया है।

पॉवर प्लांट, बड़ी वॉटर बॉडीज, बिजली की बड़ी सप्लाई लाइन, बड़े उद्योग, बांध, ऑयल-गैस डिपो, बड़ी पाइप लाइनें, इनकी निगरानी बढ़ा दी गई है।

मप्र में इस बात की भी तैयारी है कि यदि देश के किसी भी कोने में किसी भी चीज की जरूरत पड़े तो उसे तुरंत भेजा जा सकता है।

अग्निशमन के अच्छे संयंत्रों की व्यवस्था हो।


मंदिर और मस्जिद में सायरन लगा सकते हैं, मुख्यमंत्री ने कहा-नहीं, सेंट्रलाइज रखो


मॉकड्रिल के दौरान ब्लैक आउट किया गया, लेकिन कई जगह सायरन की सूचना नहीं मिली, जिससे कुछ स्थानों पर रोशनी दिखाई दी। इस पर अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने सुझाव दिया कि मंदिर और मस्जिदों में सायरन लगाए जा सकते हैं ताकि हर जगह आवाज पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- हर मंदिर-मस्जिद में जाकर सायरन कौन चालू करेगा? सायरन के लिए सेंट्रलाइज व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे उसका सही उपयोग हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में इस पर काम शुरू किया जाए।


जो डॉक्टर स्वेच्छा से सेवाएं देना चाहते हैं, उन्हें बुलाएंगे


हेल्थ सेवाएं पूरी तरह क्रिटिकल मानी गई हैं। सभी प्रमुख अस्पतालों को सर्व सुविधा युक्त बनाया जाएगा। इमरजेंसी में उपयोग होने वाले अस्पतालों की लिस्ट एक-दो दिन में तैयार हो जाएगी। दवा और ब्लड की पर्याप्त व्यवस्था रखने की तैयारी की जा रही है। सभी सरकारी और निजी डॉक्टर्स की लिस्टिंग की जा रही है। जो डॉक्टर्स स्वेच्छा से सेवाएं देना चाहते हैं, उन्हें भी बुलाया जाएगा। ऐसे हालातों में ट्रॉमा केस ज्यादा होते हैं। इसलिए सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ और बर्न केस में काम करने वाले स्टाफ की मौजूदगी जरूरी होगी। आईसीयू और ऑक्सीजन सप्लाई पूरी तरह सुनिश्चित की जाएगी। शनिवार को सभी बड़े मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के डॉक्टर्स के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग हो सकती है।