दमोह में 700 महिलाओं के लिए फलदार बगियां, जमीन से सशक्तिकरण
Damoh News: जिले में हरियाली बढ़ाने और महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए एक विशेष पहल आरंभ की गई है। 15 अगस्त से 15 सितंबर तक चलने वाले अभियान में कुल 700 बगियां बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इन बगियों की देखरेख एनआरएलएम से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा की जाएगी। जिनके पास आधा से एक एकड़ तक जमीन है और वे पौधारोपण के लिए तत्पर हैं, उनका सर्वे कर संबंधित विभाग को नाम भेजे गए हैं।
प्रत्येक चयनित महिला को लगभग 100 फलदार पौधे रोपने होंगे। ये पौधे आधा से एक एकड़ भूमि पर लगाये जाएंगे और संबंधित महिला समूह तीन वर्षों तक उनकी देखभाल करेगा। एक बगिया की अनुमानित लागत लगभग तीन लाख रुपये है, जो उपलब्ध योजनाओं के जरिये प्रदान की जाएगी। बगिया बन जाने के बाद उसकी देखरेख और फलों से आय का अधिकार महिला के पास रहेगा।
प्रारम्भिक सर्वे में जिले से 920 नाम प्राप्त हुए, जबकि लक्ष्य 700 है। इसलिए अंतिम चयन मनरेगा के मानदण्डों के अनुसार किया जाएगा। पात्रता में जमीन का स्वामित्व, समूह में सक्रियता तथा फसल लगाने की क्षमता शामिल है। अधिकारी सत्यापन कर शॉर्टलिस्टेड सूची जारी करेंगे।
इस परियोजना का उद्देश्य केवल फल उगाना नहीं है, बल्कि महिलाओं को नियमित आय का स्रोत देना, कृषि में विविधता लाना और ग्रामीण इलाके में हरियाली बढ़ाना भी है। सफल होने पर लाभार्थी महिलाएँ अपने उत्पाद स्थानीय बाजारों में बेचकर आय बढ़ा सकेंगी। तीन वर्षों के दौरान लाभार्थियों को प्रशिक्षण, बागवानी तकनीक, बीज और सिंचाई सहायता भी प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम में स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी निगरानी करेंगे और समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाएगी। समूहों को सामूहिक विपणन के लिए सहायता दी जाएगी जिससे फल बेचने में बेहतर दाम मिल सकें। अपेक्षा है कि परिवारों की आय दोगुनी हो सकती है। योजना शीघ्र शुरू होगी।
स्थानीय स्तर पर इससे रोजगार के अवसर बढ़ने और परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है। सरकार तथा स्वयं सहायता समूह मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि बगियाएँ टिकाऊ हों और महिलाओं को दीर्घकालिक लाभ मिल सके।