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100 ट्रैक्टर लेकर किसान सड़कों पर, सिंचाई जल की मांग तेज

 

Badwani News: बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना में लगातार हो रही देरी और कथित भ्रष्टाचार के विरोध में सोमवार को क्षेत्र के किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में लगभग 2,000 किसानों ने करीब 100 ट्रैक्टरों के साथ बस स्टैंड से कृषि उपज मंडी तक रैली निकाली। रैली में महिला और पुरुषों की भी बड़ी संख्या शामिल रही।

रैली के दौरान किसान प्रमुख चौराहों और अमनखेड़ी मार्ग पर धरना देकर नारेबाजी करते रहे। सभी प्रदर्शनकारी सिंचाई के लिए जल की मांग को लेकर तख्तियां हाथ में लिए हुए थे। मंडी परिसर में किसान सभा आयोजित की गई, जिसमें अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में 129 गांवों में 30 नवंबर 2025 तक सिंचाई जल उपलब्ध कराने की मांग की गई।

प्रदर्शन के दौरान परियोजना के तहत हर खेत में छह एकड़ पर एक आउटलेट देने, तालाबों में परियोजना का जल छोड़ने, कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराने और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई करने जैसी मुख्य मांगें रखी गईं। इसके अलावा हर पंचायत में किसानों की सूची और जल वितरण का नक्शा सार्वजनिक करने की भी मांग की गई।भीकनगांव-बिंजलवाड़ा परियोजना से जिले की 5 तहसीलों के कुल 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलना प्रस्तावित है। परियोजना की कुल लागत लगभग 745 करोड़ रुपये है। इसके लिए इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर से तीन चरण में 17.80 क्यूमेक्स पानी उद्वहन किया जाना है।

किसानों ने आरोप लगाया कि परियोजना का 98 प्रतिशत काम पूरा होने का दावा कर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च कर लिए गए, जबकि जमीनी स्तर पर केवल 50 प्रतिशत काम ही हुआ। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच कराने, ठेकेदारों और अधिकारियों पर कार्रवाई करने और हर पंचायत के खेतों की सूची सार्वजनिक करने की मांग की।

सुरक्षा व्यवस्था के तहत कई अधिकारी और कर्मचारियों ने रैली के दौरान निगरानी की। किसानों ने कहा कि 30 नवंबर तक सभी पंप हाउस चालू हो जाएँ और हर खेत में छह एकड़ पर आउटलेट स्थापित किया जाए। कुछ पंप हाउस पहले ही चालू हो चुके हैं, बाकी का काम प्रगति पर है। यदि तय समय पर काम पूरा नहीं होता, तो संबंधित कंपनी का भुगतान रोकने का भी निर्णय लिया जाएगा।इस प्रदर्शन ने प्रशासन और अधिकारियों के सामने किसानों की बढ़ती नाराजगी को उजागर किया और बिंजलवाड़ा परियोजना में शीघ्र और पारदर्शी कार्यवाही की मांग को बल दिया।