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खरीफ फसलें खराब होने पर किसान अब मेंथल की बुवाई में जुटे

 

Burhanpur News: महाराजपुर क्षेत्र में लगातार हुई बारिश से उड़द, तिल, सोयाबीन जैसी खरीफ फसलें बर्बाद हो गई हैं। अनुमान है कि करीब 35 से 40 प्रतिशत किसानों की फसलें पूरी तरह खराब हो गई हैं। खेतों में पानी भरने और मिट्टी गीली होने के कारण किसान समय पर दोबारा बोवनी नहीं कर सके। अब जब खरीफ की मुख्य फसलों की बोवनी का समय निकल गया है, तो किसान कम समय में तैयार होने वाली मेंथल की फसल की ओर रुख कर रहे हैं।

किसानों का कहना है कि मेंथल की फसल 60 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे उन्हें कुछ हद तक नुकसान की भरपाई की उम्मीद है। नेंगुवा, ढिगपुरा और मजगुवां गांवों के किसानों ने बताया कि वे 20 से 35 किलोमीटर दूर से मेंथल का बीज ला रहे हैं, क्योंकि पास के इलाकों में बीज उपलब्ध नहीं है।

हालांकि इस बार मेंथल की खेती किसानों के लिए सस्ती नहीं है। पिछले साल जहां बीज 700 से 900 रुपए में मिल जाता था, वहीं इस बार यही बीज 2000 रुपए तक बिक रहा है। अधिक बारिश और समय की कमी के चलते बुवाई में अतिरिक्त मेहनत और खर्च आ रहा है।

कई किसानों को कर्ज लेकर खेतों में मेंथल बोनी पड़ रही है। पिछले साल भाव कम मिलने के कारण किसानों ने मेंथल की खेती छोड़ दी थी, लेकिन इस साल मजबूरी में फिर इसकी ओर लौटना पड़ रहा है। आर्थिक तंगी के बीच किसान इस उम्मीद में मेहनत कर रहे हैं कि मेंथल से कुछ आमदनी हो सके।