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Barwani News: किसानों ने डीएपी खाद के लिए डेढ़ घंटा हाईवे रोका

 

Barwani News: जिले में खरीफ सीजन की शुरुआत होते ही किसानों ने खेतों में बोवनी शुरू कर दी है। बोवनी के दौरान डीएपी खाद का संकट झेल रहे मेनगांव क्षेत्र के किसानों ने शनिवार को हाईवे पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर चक्काजाम कर दिया। दोपहर 11.30 बजे शुरू हुए चक्काजाम के दौरान किसानों ने गांव में स्थित सोसायटी के सामने धरना देकर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। 30 टन खाद बुलवाने पर ही किसान हटे।

खाद की किल्लत को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि सोसायटी में पिछले कई दिनों से खाद नहीं है। जिम्मेदार पिछले चार दिनों से सिर्फ खाद आने का आश्वासन दे रहे हैं। चार दिन बाद भी खाद नहीं मिलने पर शनिवार को किसानों हाईवे रोककर चक्काजाम कर दिया। करीब डेढ़ घंटे चले विरोध प्रदर्शन के दौरान मार्ग से आवाजाही बंद रही।

विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सिर्फ एबुलेंस को जाने-आने दिया। मेनगांव सोसायटी में डीएपी खाद की भारी किल्लत से परेशान किसानों का सन्न शनिवार को टूट गया और आक्रोशित किसान सड़क पर उतर आए। करीब छह गांवों के किसानों ने सोसायटी के बाहर से गुजर रहे हाईवे पर नारेबाजी कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

जिससे कसरावद- इंदौर मार्ग पर यातायात बाधित हुआ। करीब डेढ़ घंटे तक किसान सड़क पर डटे रहे। किसानों को समझाने में अफसरों के हाथ-पैर भी फूलते नजर आए। खाद से भरा ट्रक सोसायटी पहुंचने पर किसानों का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने सड़क से प्रदर्शन खत्म कर दिया, जिससे आवाजाही शुरू हो सकी। हालांकि खाद से भरा ट्रक पहुंचने के बाद भी किसानों को उनका मनचाहा खाद मांग अनुसार नहीं मिल पाया।

775 किसान जुड़े हैं सोसायटी से

किसान गणपति पाटीदार, दिनेश पाटीदार, राजेश जायसवाल, प्रमोद जायसवाल, शेरू शिंदे, राहुल यादव, सुभाष यादव आदि ने बताया कि मेनगांव सोसायटी से छह गांव पिपराटा, नवलपुरा, निमगुल आदि गांव के करीब 775 केसीसी कार्डधारी किसान जुड़े है। किसानों ने कहा कि हमने बोवनी से पहले ही सोसायटी में डीएपी की मांग की थी, लेकिन सोसायटी में महज 300 बोरी डीएपी पहुंचा, जबकि किसानों की मांग इससे कहीं अधिक है। क्षेत्र के किसान आर्थिक सक्षम नहीं है, जो खुले बाजार से खाद खरीद सके।

इसलिए सोसायटी पर निर्भर है। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें डीएपी खाद के साथ अन्य खाद जैसे एनपीके या एसएसपी जबरदस्ती दी जा रही है। जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है क्योंकि उनकी फसलों को डीएपी की जरूरत है, न कि अन्य खाद की। किसानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें डीएपी खाद उपलब्ध कराई जाए और उन्हें अन्य खाद खरीदने के लिए मजबूर न किया जाए।

खाद आने पर वाहनों की शुरू हुई आवाजाही

किसानों के बढ़ते विरोध के चलते मौके पर समझाइश के लिए पहुंचे एसडीएम बीएस कलेश, एसडीओपी रोहित लखारे और थाना प्रभारी पंकज तिवारी मौजूद थे। अधिकारियों ने समझाइश देते हुए मार्ग से हटने के लिए कहा। लेकिन किसानों ने अधिकारियों की एक नहीं सुनी और अपनी मांग पर डटे रहे। 30 टन खाद आने के बाद ही किसान हाईवे से हटे। खाद से भरे ट्रक आने पर जाम में फंस वाहनों को आवाजाही शुरू हो पाई।

जिले में नहीं है पर्याप्त खाद

जिला प्रशासन एक ओर जिले में पर्याप्त खाद की बात कह रहा है। जबकि स्थिति कुछ ओर रही है। जो स्थिति मेनगांव सहकारी संस्था की है, वहीं हाल जिले की अन्य सहकारी संस्थाओं की भी है। इन सहकारी संस्थाओं के गोदाम खाली है।

किसानों को जो खाद चाहिए वह नहीं मिल रहा है। वहीं बाजार में उपलब्ध खाद को जिम्मेदार पर्याप्त खाद मान रहे है। जिले में डीएपी का संकट पहले से ही बना हुआ है। डीएपी खाद के विकल्प के तौर पर किसानों को अन्य खाद के लेने के लिए अधिकारी प्रेरित कर रहे है। इस खरीफ सीजन में पांच किस्म की खाद की 1 लाख 67 हजार 600 मीट्रिक टन मांग भेजी गई थी, उसके विरुद्ध फिलहाल जिले में 1 लाख 20 हजार 536 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हो चुकी है।

डीएपी की मांग को लेकर मेनगांव

में किसानों ने प्रदर्शन किया था, उन्हें डीएपी के साथ 5 बोरी 12:32:16 खाद उपलब्ध कराया है। उन्हें समझाइश दी है कि डीएपी के विकल्प में अन्य खाद का इस्तेमाल करे। - बीएस कलेश, एसडीएम खरगोन