मुआवजा न मिलने पर किसान ने तहसील कार्यालय में की आत्महत्या की कोशिश
Tikamgarh News: टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ तहसील कार्यालय के बाहर शुक्रवार को एक किसान ने फंदा लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। युवक की पहचान जितेंद्र प्रजापति के रूप में हुई, जो अपने परिवार के साथ आगजनी का मुआवजा मिलने के लिए तहसील पहुंचे थे।
घटना के अनुसार, मोहनगढ़ के कंचनपुरा गांव के घंसू प्रजापति और उनका परिवार डिप्टी कमिश्नर से मिलने तहसील पहुंचे। घंसू प्रजापति के अनुसार, उनके कच्चे मकान में आग लग गई थी और गृहस्थी का सामान जलकर नष्ट हो गया था। राजस्व विभाग द्वारा सर्वे कर मुआवजे की राशि लगभग 8 हजार रुपए निर्धारित की गई, जबकि वास्तविक नुकसान 30–40 हजार रुपए का बताया गया।
जितेंद्र ने बताया कि जब परिवार तहसील कार्यालय में डिप्टी कमिश्नर से नहीं मिल सका, तो उन्होंने फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इस दौरान मौके पर मौजूद कर्मचारियों और लोगों ने युवक को समय रहते पकड़ लिया और नीचे उतारकर परिवार को कार्यालय के अंदर डिप्टी कमिश्नर से मिलवाया। डिप्टी कमिश्नर ने मामले की जानकारी ली और राहत राशि जल्द जारी करने का आश्वासन दिया।
घंसू प्रजापति ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। 22 मार्च 2025 को भी उन्होंने तहसील कार्यालय में फंदा लगाकर अपनी जान देने का प्रयास किया था, तब मकान के नामांतरण, बीपीएल कार्ड और आगजनी के मुआवजे से जुड़ी समस्याओं को लेकर उन्होंने विरोध जताया था।
स्थानीय लोग और प्रशासनिक अधिकारी इस घटना को गंभीर मानते हैं और कहते हैं कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी और कम मुआवजा ग्रामीणों में मानसिक दबाव पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी राहत राशि समय पर और उचित तरीके से वितरित की जानी चाहिए, ताकि इस तरह के तनावपूर्ण हालात और आत्महत्या की कोशिशें रोकी जा सकें।
इस पूरी घटना ने यह संदेश दिया है कि सरकारी योजनाओं और राहत कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता बेहद आवश्यक है। समय रहते समस्या का समाधान न होने पर आम नागरिकों की मानसिक स्थिति और सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है।