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Chhatarpur news: पाकिस्तान को मोदी समाप्त कर दें तो भी दोष नहीं आतंकवादियों के जमावड़े वाले : वल्लभाचार्य

अगर एक दुष्ट बना रहेगा तो एक हजार दुष्ट और बन जाएंगे। पाकिस्तान में आतंकवादियों का जमावड़ा है। वहां आतंकवादी पैदा किए जाते हैं, अगर मोदी जी संपूर्ण पाकिस्तान को ही समाप्त कर देते हैं तो भी दोष नहीं लगेगा। पाकिस्तान में जो मरे उनकी दुर्गति होगी और हमारे भारत देश में जो शहीद हुए उनकी सदगति होगी।
 

Chhatarpur news:शहर के मोटे के महावीर मंदिर परिसर में स्थित श्री संत शरीर महंत बब्बा जू महाराज आश्रम में संगीतमय श्रीराम कथा एवं श्रीमदभागवत कथा का आयोजन चल रहा है। कथा में शुक्रवार को सीताराम विवाह, वनवास, भरत मिलाप का प्रसंग हुआ और छप्पन भोग प्रसाद एवं मूर्ति न्यास व प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ।

मंदिर परिसर में चल रहे धार्मिक आयोजन में शामिल होने और कथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास श्री वल्लभाचार्य महाराज ने कथा के दौरान मिशन सिंदूर का जिक्र करते हुए इसे भारत की ओर से उठाया गया उचित कदम बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी दुष्ट का दमन करने में अपराध नहीं है।

अगर एक दुष्ट बना रहेगा तो एक हजार दुष्ट और बन जाएंगे। पाकिस्तान में आतंकवादियों का जमावड़ा है। वहां आतंकवादी पैदा किए जाते हैं, अगर मोदी जी संपूर्ण पाकिस्तान को ही समाप्त कर देते हैं तो भी दोष नहीं लगेगा। पाकिस्तान में जो मरे उनकी दुर्गति होगी और हमारे भारत देश में जो शहीद हुए उनकी सदगति होगी।

क्योंकि पाकिस्तान में जो मरा है वह आतंकवादी मरे है और भारत में सत्य की राह पर चलते हुए हमारे वीर सैनिक शहीद हुए हैं। आश्रम में चल रही श्रीराम कथा में रामदास नाबोध महाराज से राम-सीता विवाह का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था।

एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि वह जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा-महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा।

वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वरमाला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे।

मंदिर में चल रहे धार्मिक आयोजनों में आज 10 मई को रुक्मिणी विवाह, तमस नदी विश्राम और सीता हरण होगा। रविवार 11 मई को सुदामा चरित्र, रावण की मुक्ति, राम राज्याभिषेक, पूर्णाहुति के साथ कथा का विश्राम होगा। अंतिम दिन सोमवार को श्रीमद् भागवत का पूजन, श्री राम कथा का पूजन, हवन, पूर्णाहुति के साथ विशाल भंडारे का आयोजन होगा।