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ई-रिक्शा ओवरलोडिंग: सुरक्षा खतरे और लापरवाह चालकों की अनदेखी

 

Chhatarpur News: बड़ारी क्षेत्र और जिला मुख्यालय में ई-रिक्शा चालक अपने वाहनों में निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियां बैठाकर जोखिम भरे तरीके से सवारी ढो रहे हैं। अधिकांश ई-रिक्शा में ड्राइवर सहित अधिकतम पांच लोगों की क्षमता होती है, लेकिन 8 से 10 लोग बैठाए जा रहे हैं। कई रिक्शा की छत पर भारी सामान भी लादा जाता है।

चालक अक्सर कहीं भी वाहन रोककर सवारियां बैठा लेते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। बगौता तिराहा, ललौनी तिराहा, ढड़ारी तिराहा, पन्ना नाका, रेलवे स्टेशन और जिला मुख्यालय तक ओवरलोड ई-रिक्शा चलते हैं। इन वाहनों की लापरवाही से हादसे का खतरा बढ़ गया है। कई बार अनियंत्रित ई-रिक्शा पलट जाते हैं, जिससे लोगों की जान को खतरा होता है।

अधिकतर रिक्शा नाबालिग या बिना लाइसेंस वाले लोग चला रहे हैं। वाहन मालिक पैसे कमाने की लालच में उन्हें वाहन थमा देते हैं। इन चालकों को वाहन क्षमता का सही ज्ञान नहीं होता, जिससे ओवरलोडिंग आम समस्या बन गई है।

यातायात पुलिस समय-समय पर वाहन चालकों को नियमों के प्रति जागरूक करने और चेकिंग के माध्यम से क्षमता से अधिक सवारियों पर चालानी कार्रवाई करती है। इसके बावजूद ओवरलोडिंग और लापरवाही जारी है।

शहर में ई-रिक्शा की अधिक संख्या के कारण अदालत रोड, बाजार क्षेत्र, बस स्टैंड और महोबा रोड पर जाम की स्थिति बन जाती है। विशेष रूप से स्कूली बच्चों को ढोने वाले रिक्शा भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

इस स्थिति से यह स्पष्ट है कि ई-रिक्शा चालकों की लापरवाही और नियमों के पालन में कोताही से यातायात और जनता की सुरक्षा दोनों खतरे में हैं।