MP में बिजली उपभोक्ता को लगेगा बड़ा झटका, प्री-पेड होते ही स्मार्ट मीटर की वसूली जाएगी कीमत, केंद्र सरकार से मिलेंगे सिर्फ 900 रुपए
MP News: मध्य प्रदेश राज्य में स्मार्ट मीटर प्री-पेड होंगे या नहीं, इसे लेकर जो दुविधा थी वह खत्म हो गई। 31 जुलाई को विधानसभा में विधायक चौधरी सुजीत मनेर सिंह के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने साफ कहा कि भविष्य में स्मार्ट मीटर पूर्ण रूप से प्री-पेड होंगे। यही नहीं मीटर की राशि किससे वसूली जाएगी, इसे लेकर वे अपने पूर्व बयान से पलटते दिखाई दिए।
दरअसल विधायक ने सवाल किया था कि स्मार्ट मीटर का पैसा जनता से वसूला जाएगा या इसका भुगतान बिजली कंपनी करेगी? इस पर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा- स्मार्ट मीटरों के पूर्ण रूप से प्री-पेड होने के बाद प्रति उपभोक्ता मीटर कुल 900 रुपए अनुदान केंद्र सरकार की ओर से प्राप्त होगा। शेष राशि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वहन किए जाने का प्रावधान है। यानि राज्य सरकार की ओर से कोई अनुदान नहीं मिलेगा।
बिजली कंपनी जनता की जेब से ही निकालेगी पैसा
बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन के पदाधिकारी व विद्युत मंडल जनता यूनियन के नरेंद्र भदौरिया ने बताया कंपनी की आय का स्रोत सिर्फ एक है वह जनता को बिजली बेचती है और बदले में उसे पैसा मिलता है। ऐसे में मीटर की राशि भी वह जनता से ही वसूलेगी। मंत्री के जवाब से लगता है कि राज्य सरकार से मीटर के लिए कंपनी को कोई अनुदान नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि अकेले गुना शहर में स्मार्ट मीटर पर 150 करोड़ खर्च होंगे।
मीटर की कीमत का गणित
एसोसिएशन के लोकेश शर्मा बताते हैं कि विद्युत नियामक आयोग में बिजली कंपनी रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने एक याचिका दर्ज की थी। इसमें बताया गया कि स्मार्ट मीटर की कीमत किश्तों में जनता से ही वसूली जाएगी।
पहली किस्त के तौर पर 1500 और जीएसटी 270 रुपए जुड़ेगा। बाद की किश्तों में साढ़े 7 साल में कुल 14,310 रु. वसूले जाएंगे। इस पर रखरखाव, निगरानी और डेटा भेजने का शुल्क 1200 रुपए हर साल लिया जाएगा। ये सब मिलाकर एक मीटर पर कुल राशि 25 हजार 80 रुपए होती है। खास बात यह है कि बिल में इसका अलग से कोई उल्लेख भी नहीं किया जाएगा।