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शिक्षा और सशक्तिकरण एक-दूसरे के पूरक, बिना शिक्षा कोई सशक्त नहीं

 

Chhatarpur News: महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र अध्ययनशाला एवं शोध केंद्र द्वारा ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। विषय था “एम्पावरिंग वन अनादर, वूमेन एंपावरमेंट इज कंटेंपरेरी सोसायटी चैलेंजेस एंड पॉसिबिलिटी”। इस कार्यक्रम में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू यॉर्क की सह प्राध्यापक मुख्य वक्ता के रूप में जुड़ीं।

उन्होंने बताया कि सशक्तिकरण आसानी से नहीं मिलता, इसके लिए लगातार मेहनत और परंपरागत सीमाओं को तोड़ना जरूरी है। सपनों को पूरा करने के लिए नई सोच अपनानी होती है और समाज की नकारात्मक सोच से अपने आपको बचाना भी आवश्यक होता है।

शिक्षा और सशक्तिकरण एक-दूसरे के पूरक हैं। बिना शिक्षा किसी को सशक्त नहीं बनाया जा सकता। शिक्षा व्यक्ति को मजबूत बनाने का आधार है। जिज्ञासु बने रहना और सवाल पूछना भी सशक्त होने की शर्त है।

वेबिनार में बताया गया कि आज की तकनीकी दुनिया में चुनौतियां हैं, लेकिन अपार संभावनाएं भी हैं। इन अवसरों को हासिल करने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहना आवश्यक है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने की, जिन्होंने कहा कि सशक्त बनने के लिए सबसे पहले अपने अंदर छिपी ताकत को पहचानना जरूरी है।

इस ऑनलाइन वेबिनार में विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी और छात्र शामिल हुए। प्रश्नोत्तर सत्र में महिलाओं के उत्पीड़न, भेदभाव और सशक्तिकरण से जुड़े सवाल पूछे गए, जिनका जवाब मुख्य वक्ता ने स्पष्ट रूप से दिया।

कार्यक्रम का संचालन सुयश सागर बाजपेयी ने किया और आभार प्रस्तुति इला कौशिक ने दी।