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छतरपुर के कई पशु अस्पतालों में नहीं मिल रहे डॉक्टर, इलाज के लिए परेशान किसान

 

Chhatarpur News: छतरपुर जिले के पशु अस्पतालों में डॉक्टर समय पर मौजूद नहीं रहते, जिससे मवेशियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। दोपहर के बाद कई अस्पतालों में डॉक्टर गायब हो जाते हैं और इलाज सहायक स्टाफ के भरोसे चलता है। जिला मुख्यालय सहित कई गांवों के किसान जब मवेशी लेकर अस्पताल पहुंचते हैं, तो वहां न दवा मिलती है, न डॉक्टर।

मनकारी गांव में 5 साल पहले बना नया पशु अस्पताल आज तक विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ है। भवन पर गांव वालों का कब्जा है और इलाज गांव के ही एक व्यक्ति के घर से चल रहा है। दवा और वैक्सीन की भी भारी कमी है। खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू, लंगड़ा बुखार, रेबीज जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी टीके अस्पतालों में नहीं मिलते। डॉक्टर बाहर से दवा मंगवाने की सलाह देते हैं।

घुवारा और अन्य ब्लॉक के अस्पतालों में भी यही हाल है। मंगलवार दोपहर को अस्पताल बंद मिला और किसानों ने बताया कि डॉक्टर नहीं मिलते, इसलिए प्राइवेट इलाज कराना पड़ता है और महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।जिले में 127 गोशालाएं संचालित होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इनमें गायें नहीं दिखतीं। इलाज और टीकाकरण की जिम्मेदारी डॉक्टरों को दी गई है, पर वे गंभीर नहीं दिखते। विभागीय अधिकारी ने लापरवाही पर जांच कराने की बात कही है।