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तीन माह से गली में भरा गंदा पानी, महिलाओं-बच्चों की सेहत पर असर

 

Damoh News: ग्राम पंचायत हिरदेपुर के वार्ड 7 और 8 की गली में पिछले तीन माह से नालियों और बारिश का पानी जमा है। करीब 40 परिवार दूषित पानी के बीच रहने को मजबूर हैं। इस गंदगी का असर अब लोगों की सेहत पर दिखने लगा है। महिलाओं के पैरों की अंगुलियों के बीच घाव और सूजन हो गई है, कई लोगों को फफोले और त्वचा रोग हो रहे हैं। बच्चे और बुजुर्ग भी बुखार व पेट दर्द जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।

गली में करीब एक फीट पानी भरा रहता है। रोज़मर्रा के काम के लिए बाहर निकलते समय महिलाओं और बच्चों को इसी गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। रहवासियों ने बताया कि स्थिति असहनीय हो चुकी है। महिलाएं हर मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर से शिकायत कर रही हैं और सीएम हेल्पलाइन पर भी अब तक 60 से ज्यादा बार कॉल कर चुकी हैं। इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।

सड़क पर उतरे लोग, किया चक्काजाम

रविवार सुबह लोगों का सब्र टूट गया। वार्डवासी महिलाएं और पुरुष दमोह-सागर हाइवे पर सागर नाका चौकी के पास पहुँच गए और सड़क जाम कर दी। कुछ महिलाएं सड़क पर लेट गईं, तो कुछ ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रास्ता रोक दिया। इस दौरान दमोह से सागर की ओर जा रहे वाहनों को बायपास से निकालना पड़ा। पुलिस ने ट्रैफिक को हटाने की कोशिश की तो लोगों ने विरोध किया। कुछ देर कहासुनी भी हुई, लेकिन स्थिति बिगड़ने से पहले मामला शांत करा लिया गया। करीब एक घंटे तक हाईवे जाम रहा।

रहवासियों की पीड़ा

गाँव की महिलाओं ने कहा कि जब तक पानी निकासी की स्थायी व्यवस्था नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि गली में लगे हैंडपंप तक दूषित पानी भर चुका है, जिससे पीने का पानी भी असुरक्षित हो गया है। बच्चे स्कूल जाते समय कीचड़ में गिरकर चोटिल हो जाते हैं और कपड़े खराब हो जाते हैं। बदबू के कारण सांस लेना मुश्किल है और मच्छरों की वजह से रातभर नींद नहीं आती।

रीना सेन, रामरानी विश्वकर्मा, आशा रानी जैसी महिलाओं ने बताया कि महीनों से प्रशासन को गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। एडवोकेट आदर्श मिश्रा और भागचंद विश्वकर्मा ने कहा कि शिकायत दर्ज कराने के बाद भी अधिकारी मौके की बजाय किसी और कॉलोनी की तस्वीर लगाकर मामला बंद कर देते हैं।

अधिकारियों ने माना समस्या गंभीर है

नायब तहसीलदार रघुनंदन चतुर्वेदी मौके पर पहुँचे और खुद घुटनों तक पानी में उतरकर स्थिति देखी। उन्होंने स्वीकार किया कि समस्या गंभीर है और कलेक्टर को अवगत कराकर समाधान कराया जाएगा। लोगों को भरोसा दिलाने के बाद ही जाम खोला गया।

महिलाओं की तकलीफ

चंदाबाई विश्वकर्मा, कांता दुबे और सियाबाई विश्वकर्मा ने अपने पैरों के घाव और फफोले दिखाते हुए कहा कि दर्द इतना है कि ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं। इलाज कराने पर भी दिक्कत खत्म नहीं होती, क्योंकि रोज गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। कई लोग त्वचा रोग, खाँसी-जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं।

जिम्मेदारों की लापरवाही

ग्रामवासियों का कहना है कि मुख्य समस्या सड़क नीची होने की वजह से है। इसी कारण पानी की निकासी बंद हो चुकी है। सरपंच प्रतिनिधि मंटू खटीक ने भी माना कि लंबे समय से यह दिक्कत बनी हुई है और स्थायी समाधान की ज़रूरत है।

प्रशासन का आश्वासन

तहसीलदार रॉबिन जैन ने कहा कि समस्या देखी गई है और जनपद व पंचायत स्तर पर चर्चा कर जल्द ही निकासी की व्यवस्था कराई जाएगी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगे।