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MP News: स्कूल में उपस्थित रहने के बावजूद काटा जा रहा अतिथियों का वेतन, शिक्षकों ने जताई नाराजगी
 

MP News: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस व्यवस्था को अव्यवहारिक बताते हुए नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस प्रणाली के कारण जुलाई के वेतन में भारी विसंगतियां हुई हैं, जिससे हजारों अतिथि शिक्षक आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं।

अतिथि शिक्षक तेजपाल व्यास, मुकेश बैरागी, अशोक कुमावत, राधेश्याम धाकड़ एवं शांतीलाल शर्मा ने बताया कि वे नियमित रूप से एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। बावजूद कई शिक्षकों का वेतन काटा गया, जबकि वे पूरे समय विद्यालय में उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि शनिवार को सरकारी अवकाश होने के बावजूद शनिवार और रविवार दोनों दिन का वेतन काट दिया। वहीं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान जिन शिक्षकों की उपस्थिति एप पर पेंडिंग दिखी, उनका भी उस दिन का वेतन नहीं दिया गया। कई बार तकनीकी समस्याओं के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है और उस दिन का वेतन काट लिया जाता है। अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से रद्द कर पूर्ववत मैन्युअल उपस्थिति प्रणाली को लागू करने की मांग की।

ई-अटेंडेंस नहीं लगाई तो 2 महीने का वेतन कटा

ई-अटेंडेंस के नाम पर अतिथियों का वेतन काटा जा रहा है। वर्तमान में रतलाम जिले में 1070 अतिथि शिक्षक हैं। जिनमें से 185 जावरा तहसील के स्कूलों में कार्यरत है। जुलाई में शुरू के 20 दिन ऑफलाइन अटेंडेंस लगाई गई। अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष केके सैनी, पंकज सोलंकी, तरूण शर्मा, जितेंद्रसिंह, मनीष रावल, प्रकाश सोनार्थी, शैलेंद्रसिंह, रामेश्वर जाट आदि ने बताया कि कई अतिथि शिक्षकों को 2 महीने का वेतन नहीं मिला है।

कारण उन्हें ई-अटेंडेंस नहीं लगाना बताया जा रहा है। जबकि वो ट्रायल समय था। आगामी त्यौहार को देखते हुए अतिथियों को ऑफलाइन उपस्थिति के हिसाब से वेतन देने की मांग की। ई-अटेंडेंस के आधार पर वेतन देने के निर्देश है-मामले में सहायक संचालक ज्योति पटेल का कहना है कि अतिथि शिक्षकों का वेतन ई-अटेंडेंस के आधार पर वेतन जारी करने के निर्देश है। जिन अतिथियों ने जितने दिन ई-अटेंडेंस लगाई थी, उस अनुसार वेतन जारी किया गया। अब अधिकांश अतिथि ई-अटेंडेंस लगा रहे हैं। अन्य कोई विसंगतियां हुई हैं तो दिखवाएंगे।