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पोर्टल बंद होने से अटकी फसल बीमा प्रक्रिया, लाखों किसान हो सकते हैं वंचित

 

Chhatarpur News: मध्यप्रदेश में खरीफ फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आखिरी तारीख 31 जुलाई है, लेकिन इसी बीच राज्य के 53 जिलों में भू-अभिलेख पोर्टल 24 से 29 जुलाई तक बंद कर दिया गया है। इसका सीधा असर किसानों की बीमा प्रक्रिया पर पड़ा है।

सरकार भू-पोर्टल को वेब जीआईएस 2.0 वर्जन में अपग्रेड कर रही है, जिसकी वजह से छह दिन के लिए यह सेवा बंद है। पोर्टल के जरिए ही किसानों की जमीन, खसरा, खतौनी और फसल का रिकॉर्ड बीमा आवेदन से जुड़ता है। जब तक पोर्टल चालू नहीं होगा, तब तक बैंक और बीमा एजेंसियां फसल बीमा की ऑनलाइन एंट्री नहीं कर सकेंगी।

राज्य में अब तक करीब 21 लाख हेक्टेयर भूमि का बीमा नहीं हो पाया है। अनुमान है कि 50% किसान अब भी बीमा नहीं करा सके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में कर्जदार किसान शामिल हैं। ऐसे किसानों के लिए बीमा अनिवार्य जैसा होता है, क्योंकि इससे बैंक लोन की भरपाई हो सकती है।विशेषज्ञों का कहना है कि भू-पोर्टल का अपडेट 1 अगस्त के बाद भी किया जा सकता था, ताकि किसान फसल बीमा से वंचित न हों। बीते वर्षों के अनुभव बताते हैं कि किसान बीमा आवेदन अंतिम सप्ताह में सबसे अधिक करते हैं।

अगर पोर्टल तय समय पर चालू नहीं हुआ, तो लाखों किसान बीमा से वंचित रह जाएंगे और उन्हें प्राकृतिक आपदा के नुकसान की भरपाई नहीं मिल पाएगी।