Guna News: नेशनल हाइवे की खस्ताहाल सड़कों में आई दरारें
Guna News: ब्यावरा सिरोंज मार्ग निर्माण के तहत बनी सीसी रोड करीब 6 साल पहले ही बनी है। इस हाइवे पर सुठालिया - मधुसूदनगढ़ के बीच गुणवत्ता पूर्ण निर्माण नहीं होने के कारण सड़क कई जगह चटक गई हैं इसमें कई स्थानों पर 4-5 इंच तक चौड़ा गेप सड़क पर नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह गेप बढ़ता जा रहा है। जिससे इसमें वाहनों के पहिए फंस रहे है। जिससे वाहन चालक अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
वहीं मधुसूदनगढ़ में इस पर मार्ग पर लगभग 3 किमी लंबा बायपास बनाया गया है। इसके बनने से जहां इस मार्ग से होकर निकलने वाले वाहनों को अब शहर के अंदर नहीं जाना पड़ता है। पूर्व में बायपास व ओवरब्रिज का निर्माण नहीं होने से वाहनों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस ओवर ब्रिज पर निर्माण कंपनी ने लाइटें नहीं लगाई हैं। जिससे इस मार्ग पर लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ता है।
दो हिस्सों में बनाया गया मार्ग सड़क हुई चौड़ी
गौरतलब है कि दो हिस्सों में बनने वाले ब्यावरा से सिरोंज के इस मार्ग में को दो हिस्सों में तैयार किया गया है।मधुसूदनगढ़ से सिरोंज का मार्ग 170 करोड़ की लागत से बनाया गया है। वहीं 165 करोड़ की लागत से ब्यावरा से मधुसूदनगढ़ तक का मार्ग तैयार किया गया है। पूर्व में यह स्टेट हाइवे की सड़क 7 मीटर था जो अब नेशनल हाइवे बनने के बाद इसकी चौड़ाई 10 मीटर हो गई है। इसके साथ ही सड़क के दोनों और ढाई-ढाई मीटर के शोल्डर भी बनाए गए हैं।
बायपास बनने पर आगरा मुंबई हाइवे गुना रूट से सुठालिया, मधुसूदनगढ़, सिरोंज की ओर जाने वाले सैकड़ों वाहन चालक सीधे सिरोंज रोड तक पहुंचते हैं। हैं। लेकिन उक्त मार्ग की सड़क लंबे समय से क्षतिग्रस्त होने के कारण लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। वहीं विभाग द्वारा इसकी मरम्मत की खानापूर्ति करके इस सीसी सड़क के चटके हुए हिस्से में डामर डालकर इतिश्री कर दी गई है। इसके बाद भी सड़क पर समस्या बरकरार है।
इसलिए महत्वपूर्ण है मार्ग
मधुसूदनगढ़ कस्बे में बना यह मार्ग ब्यावरा- सुठालिया से आकर मधुसूदनगढ़ होते हुए सिरोंज लटेरी की ओर जाता है, जो आगे जाकर बीना रिफाइनरी में आने जाने वाले वाहनों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है। इस बीना रिफाइनरी में आने-जाने वाले वाहनों के कारण भारी वाहनों का इस रोड से गुजरना होता रहता है। क्योंकि अधिकतर गाड़ियां रॉ मटेरियल लेकर इंदौर पीथमपुर जाती हैं।