Movie prime

Chhatarpur News: कोविड आईसीयू ढाई साल बाद खुला

 

Chhatarpur News: प्रदेश के बड़े शहरों में कोविड-19 संक्रमण के नया वैरिएंट के मरीज सामने आना शुरू हो गए है। आने वाले समय में इस वेरिएंट के मरीज जिले में निकलें, इससे पहले जिला अस्पताल प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रबंधन ने परिसर में चार साल पहले निर्मित कोविड आईसीयू का ढाई साल बाद ताला खोला। इस दौरान कुछ एसी और ऑक्सीजन लाइन खराब मिले और आइसोलेशन वार्ड में मौजूद ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर गायब पाए गए। साथ ही आईसीयू की कुछ लाइटें खराब पाई गई। जिनमें अस्पताल प्रबंधन अब सुधार करा रहा है।

बता दें कि चार साल पहले पुराने जिला अस्पताल भवन के महिला वार्ड में एक करोड़ की लागत से कोविड आईसीयू तैयार किया है। जिसमें तीन वाटलेटर चार एसी, एक चलित एक्सरे मशीन, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध होने के बाद 12 बेड डालते हुए कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले के मरीजों को इलाज दिया गया।

लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अधिकांश मरीज होम आइसोलेट किए जाने के कारण आईसीयू में नाम मात्र के लिए मरीज भर्ती हुए। जिसे कुछ महीनों बाद मरीजों की संख्या खत्म होने पर बंद कर दिया गया। अब प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट का संक्रमण शुरू हो गया है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल प्रबंधन ने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। कोविड आईसीयू ढाई साल तक बंद रहने के बाद मंगलवार को इसका ताला खुला, तो पूरे परिसर में डस्ट और गंदगी पाई थी। जिसे सफाई कर्मचारियों ने साफ किया। साथ ही कोविड आईसीयू के बाथरूम की सफाई करते हुए उपकरण चेक किए।

इस दौरान चार में एक एसपी खराब पाया गया। वहीं कोविड के दौरान जिले के समाजसेवियों द्वारा जिला अस्पताल प्रबंधन को दान में दिए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर गायब पाए गए। साथ ही कोविद आईसीयूकी कुछ लाइटें बंद हालत में मिली। जिनमें विभाग के कर्मचारी सुधार कार्य कर रहे है। यदि यह वार्ड बीते ढाई साल में अन्य मरीजों के इलाज में उपयोग होता तो सभी उपकरण दुरुस्त होते और प्रबंधन को दिक्कत नहीं होती।

सैंपल लेकर नहीं की जा रही कोविड की जांच

जिला अस्पताल की बाह्य ओपीडी में प्रतिदिन 1200 से 1300 मरीज अपना इलाज कराने आ रहे है। जिसमें से 100 से 150 मरीज सर्दी, खांसी और बुखार के आते है। इन मरीजों को संबंधित डॉक्टर उपचार देते हुए दवाएं तो दे रहा है। लेकिन संभावना होने पर कोविड का सैंपल लेते हुए जांच नहीं करा रहा। यदि इनमें कोई कोविड-19 के नए वेरिएंट का मरीज होता तो वह शहर के अन्य लोगों को संक्रमित कर बीमारी फैलाएगा। इसलिए अस्पताल प्रबंधन को चाहिए की जल्द से जल्द सैंपल कलेक्शन करते हुए जांच शुरू की जाए।

अस्पताल परिसर में हो रही वाहनों की पार्किंग

जिला अस्पताल परिसर में कोविड आईसीयू का निर्माण परिसर के पिछले हिस्से में किया गया है। इस परिसर की ऊपरी मंजिल पर नेत्र वार्ड के साथ सिविल सर्जन का कार्यालय है। साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले कर्मचारी बैठते है। जो कोविड आईसीयू के सामने अपने स्थित हॉल में दो पहिया वाहन पार्क कर देते है।

इसके साथ ही इस परिसर में मृतकों के शव को रखने वाली मरच्यूरी पड़ी हुई है। जिसे पूर्व सिविल सर्जन ने रखवाया था। वहीं कुछ अन्य कबाड़ भी इस हॉल में पड़ा हुआ है। जिसे साफ होना आवश्यक है।

दो दिन में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं हो जाएंगी

दुरुस्त कोविड आईसी की क्षतिग्रस्त ऑक्सीजन लाइन चालू हो गई है। एक एसी दिक्कत कर रहा है, जिसमें सुधार के लिए निर्देश जारी कर दिए गए है। सभी व्यवस्थाएं दो दिन में दुरुस्त हो जाएंगी। सर्दी, खांसी और बुखार की जांच के लिए अलग से कक्ष बनाते हुए 3 डॉक्टरों की ड्यूटी लगा दी है। संदिग्धों के सैंपल लेकर जांच के आदेश प्रदेश शासन से नहीं आए हैं। जैसे ही आते हैं प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। - डॉ. शरद चौरसिया, सिविल सर्जन जिला अस्पताल