टीकमगढ़ की नजाई मंडी में व्यापारियों और प्रशासन में टकराव
Tikamgarh News: टीकमगढ़ की नजाई मंडी को 2008 में डेड घोषित किया गया था, लेकिन अब नगर पालिका प्रशासन ने इसे डिस्मेंटल करने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है। इस क्रम में सोमवार को हाई कोर्ट में अपील करने वाले 48 दुकानदारों की सुनवाई के लिए अपील समिति की बैठक बुलाई गई। इसमें से 44 दुकानदारों ने पांच मुख्य बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा।
व्यापारियों ने कहा कि पहले स्पष्ट किया जाए कि दुकानों के गिरने के बाद वर्तमान दुकानदारों का समायोजन कैसे होगा। उन्होंने यह भी मांग की कि दुकानें खाली करवाने से पहले लीगल एग्रीमेंट कराएं, नक्शा ड्रॉइंग उपलब्ध कराई जाए, लागत मूल्य और किराया स्पष्ट किए जाएं, और निर्माण व पूर्व आवंटन की अवधि की समय सीमा तय की जाए।
वहीं, नजाई मंडी के ऊपर बने रहने वाले 7 मकान किराएदारों ने भी विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि उन्हें इस मामले में कोई नोटिस नहीं दिया गया। नगर पालिका कर्मचारी ने बताया कि पुरानी फाइलें गायब हैं, इसलिए रिकॉर्ड मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई संभव है।
नगर पालिका ने हाल ही में 62 दुकानदारों को नोटिस जारी किए थे। इस पर 48 दुकानदारों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर विरोध जताया। अपील समिति में केवल 48 दुकानदारों को बुलाया गया, जबकि 14 अन्य को बैठक से दूर रखा गया।
व्यापारी राहुल जैन ने कहा कि नगरपालिका ने कभी बिल्डिंग का जीर्णोद्धार नहीं कराया। आठ साल पहले उन्होंने खुद मरम्मत शुरू की थी। अब नगर पालिका ने दुकानदारों से 13 बिंदुओं पर चार दिन के अंदर जानकारी मांगी है, जिसमें दुकान के कब्जे की तिथि, किराए का विवरण, पगड़ी राशि और हाई कोर्ट में पूर्व याचिकाओं का विवरण शामिल है।
कुछ दुकानदारों ने बताया कि जब 2016 में पिछली बार इसी तरह की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तो किराया बढ़ाकर वसूला गया। पहले 50 रुपए होने वाला किराया बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया। लेकिन 2016 के बाद से अब तक नगर पालिका ने दुकानदारों और किराएदारों से कोई किराया नहीं लिया।
व्यापारी और किराएदारों का आरोप है कि नोटिस में स्पष्ट नहीं किया गया कि दुकानों को खाली करवाने के बाद मरम्मत की जाएगी या पूरी बिल्डिंग गिरा दी जाएगी। इसलिए उन्हें जानकारी देने में कठिनाई हो रही है।
टीकमगढ़ नगर पालिका के अलावा शहर में कई अन्य पुराने भवन और संरचनाएं, जैसे भैरव मोहल्ला स्थित लोसाप्री भवन, कटरा बाजार स्थित जनता दल कार्यालय, पुरानी नगर पालिका और पपौरा चौराहा स्थित बड़ा पुल भी दशकों से डेड घोषित हैं, लेकिन इन्हें अब तक डिस्मेंटल नहीं किया गया। इस साल बारिश की शुरुआत में पपौरा चौराहा का एक हिस्सा धराशायी हो गया, जिससे नीचे से भारी वाहनों का आवागमन बंद करना पड़ा।
नजाई मंडी में पुराने दरवाजे के दोनों तरफ बनी दुकानें और रहवासी मकानों को गिराने की योजना बनाई गई है। इसको लेकर व्यापारी और मकान मालिक विरोध जारी रखे हुए हैं।