वार्डों में सीसी सड़क निर्माण की जांच, कोर कटिंग से खुली अनियमितताएं
Chhatarpur News: शहर के वार्डों में नगर पालिका द्वारा बनाई गई सीसी सड़कों और आरसीसी नालियों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। ठेकेदारों के माध्यम से हो रहे निर्माण कार्यों में बिना टेस्टिंग के मटेरियल उपयोग किया जा रहा है। जांच न होने से गारंटी अवधि पूरी होने से पहले ही सड़कें उखड़ने लगी हैं।
7 अगस्त को खबर प्रकाशित होने के बाद नगर पालिका ने वार्ड क्रमांक 38 और 20 की सड़कों से कोर कटिंग कर सैंपल लिए। लेकिन रिपोर्ट में उस स्थान का जिक्र नहीं है, जहां से सैंपल लिया गया। इतना ही नहीं, 5 इंच मोटाई वाली सड़क को रिपोर्ट में 8 इंच दिखा दिया गया। इससे साफ है कि जांच सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है।
निर्माण भुगतान प्रक्रिया में भी कई गड़बड़ियां सामने आईं। नगर पालिका इंजीनियर और सहायक यंत्री की मिलीभगत से बनाई गई फाइलों में निर्माण स्थल का सही उल्लेख नहीं होता। कई बार जहां काम हुआ ही नहीं, वहां भी भुगतान करा लिया जाता है। इन फाइलों पर सहायक यंत्री, लेखा अधिकारी, ऑडिटर और सीएमओ की साइन होती है, लेकिन फिर भी फर्जी भुगतान हो जाता है।
ऑडिटर की भूमिका पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं। नगर पालिका के ऑडिटर राममोहन अहिरवार वर्क ऑर्डर, कार्यस्थल और राशि की जांच किए बिना ही ऑडिट कर रहे हैं। इसी लापरवाही का फायदा ठेकेदार उठाकर आसानी से भुगतान ले जाते हैं।
कोर कटिंग से लिए गए सैंपलों में भी कई खामियां मिली हैं। जहां मोटाई कम है, वहीं से सैंपल लिए गए, लेकिन मटेरियल और थिकनेस की पूरी जांच नहीं की गई। इससे स्पष्ट है कि नगर पालिका अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, जबकि सड़कों और नालियों की वास्तविक गुणवत्ता की जांच अब तक अधूरी है।