Burhanpur News: 600 रु. गिरे केले के दाम, एक हजार तक कम होने के आसार बारिश के बाद
Burhanpur News: 10 दिन पहले तक 2400 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा के दाम में बिक रहे केले के दाम अब 600 रुपए से ज्यादा गिर गए हैं। बारिश शुरू होने के बाद दाम और ज्यादा कम होने का अंदेशा है। क्योंकि केले की मांग में गिरावट आएगी। केले के इस तरह अस्थिर दाम से किसानों को नुकसान हो रहा है। 7 जून को केले के दाम 2433 रुपए थे जो 17 जून को गिरकर 1830 पर आ गए। सोमवार को केले के दाम 1581 रुपए क्विंटल थे, जो दो महीने में सबसे कम हैं।
मानसून आते ही आंधी-तूफान के कारण केला फसल खराब होती है। वहीं बाजार में इसकी मांग में भी कमी आ जाती है। इससे दाम में गिरावट आती है। इस समय केले की फसल तैयार होती है। लेकिन दाम गिरने से किसानों को नुकसान होता है। पिछले 2 महीने से केले के दाम 2200 रुपए क्विंटल से नीचे नहीं आए थे।
लेकिन पिछले 10 दिन से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। इसका बड़ा कारण मांग में कमी बताई जा रही है। जून की शुरुआत में केले के दाम 2500 रुपए क्विंटल के आसपास थे। लेकिन 7 जून के बाद से इसमें बड़ी गिरावट आई है। सोमवार को दाम करीब 900 रुपए कम हो गए थे। मंगलवार को इसमें 250 रुपए का सुधार तो आया, लेकिन जून की शुरुआत की तुलना में यह काफी कम है।
मई के आखिरी और जून की शुरुआत में तेज हवा-आंधी से केला फसल को नुकसान हुआ है। इसके सर्वे का काम तो पूरा हो गया है, लेकिन अब तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। नुकसान के समय जल्द से जल्द मुआवजा देने की बात कही जा रही थी।
60 हजार एकड़ से ज्यादा में उत्पादन
जिले में केले का उत्पादन 60 हजार एकड़ से ज्यादा रकबे में होता है। प्रदेश में यह सबसे ज्यादा रकबा है। केला उपज के अस्थिर दाम को देखते हुए पिछले वर्षों से केले के फल के अलावा इससे जुड़े दूसरे उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास जिला प्रशासन कर रहा है। केले के उत्पाद बढ़ाने, इसके रेशे से बनने वाली वस्तुओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने के प्रयास किए जा रहे हैं।
केला फसल बीमा पर भी नहीं हुआ फैसला
जिले में केला फसल बीमा योजना का लाभ साल 2018 से किसानों को नहीं मिल रहा है। इसको लेकर हर साल विरोध होता है। बारिश के मौसम में आंधी-तूफान से केला फसल को बड़ा नुकसान होता है। लेकिन बीमा नहीं होने से किसान सरकारी सहायता का इंतजार करते हैं, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला फसल बीमा का लाभ किसानों को मिल रहा है।