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गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाई देने वाले शिक्षक अजमेरी खान,  24 साल में 10 हजार से अधिक छात्र बने सफल

 

Chhatarpur News: देरी गांव के अजमेरी खान ने गरीबी के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी की और 2001 में अपने गांव में 10वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को निशुल्क कोचिंग देना शुरू किया। खुद कोचिंग का अवसर न मिलने के कारण उन्होंने तय किया कि कोई भी गरीब-जरूरतमंद छात्र इसी परेशानी का सामना न करे।

शुरुआत में केवल 10-15 बच्चों को पढ़ाने के साथ अजमेरी खान ने आठ महीने बाद सुजानपुरा हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर नौकरी भी शुरू की। इसके बावजूद उन्होंने गांव में निशुल्क कोचिंग जारी रखी। आज सुबह 5.15 से 8.30 बजे तक लगभग 200 बच्चे उनकी कोचिंग में पढ़ते हैं और इसके बाद वे ड्यूटी पर स्कूल जाते हैं।

24 साल में अजमेरी खान ने करीब 10 हजार बच्चों को मुफ्त कोचिंग दी है। उनके कई छात्र शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अन्य सरकारी क्षेत्रों में नौकरी हासिल कर चुके हैं। छात्र जितेंद्र सिंह और शैलेंद्र पचौरी पुलिस में, देवेंद्र साहू, छोटू बुंदेला और शैलेंद्र प्रजापति सेना में, पंकज सोनी और भागीरथ नामदेव सीआईएसएफ में और शिवम असाटी डॉक्टर बन चुके हैं।

अजमेरी खान ने मैथ्स में एमएससी और राजनीति, अर्थशास्त्र व संस्कृत में एमए किया है। वे 10वीं के सभी विषय, 12वीं आर्ट संकाय के सभी विषय और विज्ञान समूह के छात्रों को मैथ्स और फिजिक्स पढ़ाते हैं। इसके अलावा, वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी क्लास लगाते हैं। फिलहाल लगातार बारिश के कारण कुछ समय से शाम की क्लास बंद है।

अजमेरी खान बताते हैं कि पिता सब्जी बेचकर परिवार का गुजर-बसर करते थे। सागर में पढ़ाई के दौरान उन्हें महीने भर के लिए केवल 400 रुपए मिलते थे। इसमें 175 रुपए कमरे का किराया और बचे 225 रुपए से कॉपी, किताबें और अन्य खर्च चलाना पड़ता था। अपने अनुभव से प्रेरित होकर उन्होंने गरीब छात्रों के लिए यह पहल की।

अजमेरी खान की मेहनत और लगन से न सिर्फ गांव के बच्चों को पढ़ाई का मौका मिला है, बल्कि कई छात्र देश की सेवा में सफल हो रहे हैं। उनकी कहानी शिक्षा के महत्व और समाज सेवा की प्रेरणा देती है।