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MP NEWS:मध्यप्रदेश में एयर एंबुलेंस सेवा जुड़ेंगी डायल-100 और 108 से

 

MP NEWS:मध्यप्रदेश के उन स्थानों की सूची सरकार तैयार करेगी, जहां बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं। उन संभावित क्षेत्रों और उनके स्थानों की भी सूची तैयार की जाएगी, जहां हादसों की आशंका रहती है। वहां पहले से नजर रखी जाएगी। प्रयास किए जाएंगे कि किसी भी स्थिति में दुर्घटना न हो। यदि बचाव के सभी मापदंड पूरा करने के बावजूद भी हादसा होता है तो गंभीर घायलों को कम से कम समय में पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

 एयर एंबुलेंस सेवा को डायल-100 व एंबुलेंस सेवा 108 से इंटर कनेक्ट किया जाएगा। डायल-100 व 108 एंबुलेंस सेवा को जाने वाले कॉल में से गंभीर घटनाओं व घायलों से जुड़े कॉल की जानकारी पीएमश्री एयर एंबुलेंस प्रबंधन के पास भी पहुंच जाएगी।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को जल गंगा संवर्धन अभियान समेत अन्य कार्यक्रमों, अभियानों की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए।

इन जिलों ने किया बेहतर काम

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कई जिलों ने अच्छा काम किया है, जो जिले पूर्व की प्रगति रिपोर्ट में पिछड़े थे उन्होंने भी सुधार किया है। सीएम को बताया गया कि कूप रिचार्ज के तहत बैतूल ने प्रदेश में सबसे अच्छा काम किया है। सीएम ने पिछड़े जिलों को अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।

खंडवा ने कूप रिचार्ज के काम में दूसरा स्थान पाया है। यहां की घोड़ापछाड़ नदी के संरक्षण के काम नदी में पानी है, 12 ग्रामों की साढ़े सात सौ हेक्टेयर जमीन कीसिंचाई होने लगी है।

अमृत सरोवर निर्माण में धार जिला प्रथम स्थान पर है। सीधी द्वितीय स्थान और छिंदवाड़ा तृतीय स्थान पर है। प्राचीन बावड़ियों के संरक्षण में टीकमगढ़ जिले में वजीतपुरा बावड़ी का संरक्षण किया है।

इंदौर में अहिल्या कुंड ने संरक्षण के बाद नया स्वरूप ले लिया है। इंदौर में एक पॉली टैंक कानिर्माण भी हुआ है, जहांमत्स्य पालन हो रहा है।

नर्मदापुरम में नर्मदा पथ में जल मंदिर का निर्माण किया है। इसके अलावा 7339 पुराने जल संरक्षण के काम पूरे हो चुके हैं। विदिशा जिले में 100 साल प्राचीन चेतन बावड़ी का जीर्णोद्धार हुआ।

अनूपपुर में मृदा क्षरण रोकनेके लिए कल्प वृक्ष के संरक्षणमें सफलता मिली।राजगढ़ जिले में टोंटी लगाओ पानी बचाओ अभियान से पानी की बचत हो रही है। सिवनी, छिंदवाड़ा, रायसेन और पन्ना के अच्छे कामों की चर्चा हुई।

जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा बैठक में बताया गया कि अब तक 21 लाख लोगों को सहभागी बनाया जा चुका है। सीएम ने आपत्ति जताई। कहा कि प्रदेश में तो और भी जनता है। यह काम भी सरकार के लिए नहीं है, बल्कि जनता के लिए ही है। हम जलस्रोतों को भविष्य के लिए सहेजने का काम कर रहे हैं। यह भाव जनता तक पहुंचेगा तो हर कोई इस अभियान से जुड़ेंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐतिहासिक महत्त्व के जलस्रोतों का प्रदेश स्तर तक प्रचार-प्रसार करें। ऐसे जलस्रोतों की प्रदर्शनी लगानी चाहिए। उन गांवों व शहरों का भी ध्यान रखें, जहां गर्मी में पानी की किल्लत होती है। अफसरों से पूछा कि कहीं जल संकट जैसी गंभीर स्थिति तो नहीं है। कहा कि ऐसे स्थानों की दूरगामी योजना बनाएं, लोगों को साथ लें, जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ें।

 से जुड़े पर्व मनाए जाएंगे

गंगा दशहरा पर पांच जून को जल की पूजा, नदियों की शुद्धता और जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। वट सावित्री व्रत पर 6 जून को बरगद की पूजा और धागा बांधकर वृक्ष रक्षा का संकल्प लिया जाएगा। निर्जला एकादशी पर 8 जून को जल का दान, पर्यावरण संरक्षण संदेश, हरियाली अमावस्या पर 25 जुलाई को पेड़-पौधे लगाने और उपासना की सामूहिक परंपरा शुरू कराई जाएगी। हरियाली तीज पर नवीन वस्त्र धारण, पेड़-पौधों की पूजा, रक्षाबंधन पर वृक्षों को राखी बांधने, कजरी तीज पर 12 अगस्तको नीम के वृक्ष की पूजा होगी।