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आधार कार्ड की गलतियों से अपार आईडी बनना मुश्किल, जन्मतिथि और नाम में गड़बड़ी

 

Tikamgarh News: टीकमगढ़ जिले के कई छात्रों को आधार कार्ड में हुई गलतियों की वजह से अपार आईडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) और जाति प्रमाण पत्र बनाने में मुश्किलें आ रही हैं। सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों को जब भी दस्तावेज बनवाने की जरूरत होती है, वे सबसे पहले आधार से जुड़ी समस्याओं में फंस जाते हैं।

सबसे ज्यादा दिक्कत जन्मतिथि गलत दर्ज होने से हो रही है। कई मामलों में आधार कार्ड में 1 जनवरी जन्मतिथि दर्ज कर दी गई है, जबकि वास्तविक तारीख अलग है। इस वजह से छात्र आईडी या अन्य प्रमाण पत्र बनवाने जाते समय बार-बार आधार सुधार की प्रक्रिया से गुजरते हैं। जिले के सरकारी स्कूलों में लगभग 1.71 लाख और निजी स्कूलों में 30 हजार छात्र पढ़ रहे हैं।

शिक्षा विभाग के निर्देश पर सभी छात्रों की अपार आईडी बनना जरूरी है। हालांकि अब तक केवल 65 प्रतिशत छात्रों की आईडी ही बन पाई है, जबकि 70 हजार से अधिक छात्रों की आईडी अभी भी अधूरी है। यह मुख्य रूप से आधार कार्ड में नाम, जन्मतिथि और पते की गलत प्रविष्टियों की वजह से हो रहा है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि पहले छात्रों के आधार कार्ड सही कराए जाएंगे, तभी शेष आईडी बनाई जा सकेगी।

रायपुर गांव की छात्रा नीतू लोधी के आधार कार्ड में जन्मतिथि गलत दर्ज है। आधार में 1 जनवरी 2013 दर्ज है, जबकि वास्तविक जन्मतिथि 22 जनवरी 2014 है। सुधार कराने के बावजूद समस्या बनी हुई है। इसी तरह वर्माताल के लोकेंद्र का जन्म 2009 में हुआ, लेकिन आधार में 2011 दर्ज है। इस कारण उनकी अपार आईडी और अन्य दस्तावेज नहीं बन पा रहे।

बीड़ी कॉलोनी निवासी रामकुमार कुशवाहा का आधार कार्ड भी गलत होने से जाति प्रमाण पत्र बनाने में परेशानी आई। जन्मतिथि 22 दिसंबर 2011 दर्ज है, जबकि असली तारीख 11 दिसंबर 2009 है। उसे भी आधार सुधारकर अपार आईडी को सही करना होगा।

शिक्षा विभाग ने अब स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाने का निर्णय लिया है। इन शिविरों में छात्रों के आधार बनाए जाएंगे और जिनकी आईडी नहीं बनी है, उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा। पोर्टल अपडेट होने के बाद अब अपार आईडी बनाना स्कूलों में शुरू होगा और जल्द ही शेष छात्रों की आईडी भी पूरी हो जाएगी।