बारिश में पैदल गश्त करती नावरा रेंज की वनकर्मी टीम
Burhanpur News: नावरा रेंज के जंगलों में वनकर्मी एसएएफ की टीम नियमित रूप से पैदल गश्ती कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य वन्य प्राणियों के जल स्रोतों और वन क्षेत्र में होने वाली अवैध गतिविधियों की निगरानी करना है। बारिश के समय यह काम और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। रेंज में चार नाले हैं, जिन्हें पार करने के लिए वनकर्मियों और एसएएफ की टीम को जूते-मोजे उतारने पड़ते हैं।
मंगलवार को टीम ने 14 से 15 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की। वनकर्मी और एसएएफ सदस्य नाले पार करते हुए वन क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। रेंज का यह क्षेत्र अवैध कटाई और अतिक्रमण के लिए संवेदनशील है। इसलिए नियमित पैदल गश्ती करना जरूरी है। मिट्टी बारिश में गीली होने के कारण वाहन यहां फंस जाते हैं, इसलिए गश्ती के लिए पैदल मार्ग अपनाना पड़ता है।
वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए स्पेशल आर्म्ड फोर्स पहले ही तैनात किया गया है। करीब डेढ़ साल पहले प्रशासन, पुलिस और वन विभाग ने संयुक्त अभियान चलाकर 1,000 से अधिक अवैध टपरियों को तोड़ा और अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा। इस कार्रवाई के बाद बड़े पैमाने पर पौधारोपण भी किया गया। तब से एसएएफ टीम वन क्षेत्रों की निगरानी में लगातार जुटी हुई है।
एसएएफ और वनकर्मी वन अपराधों को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं। वे अवैध कटाई, शिकार और अतिक्रमण पर नियंत्रण रखते हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अवैध व्यापार को रोकना और अपराधियों को पकड़ना इनके कार्य क्षेत्र में शामिल है।
इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं के समय जैसे जंगल में आग लगना या अन्य आपदा में राहत और बचाव कार्य में भी एसएएफ और वनकर्मी मददगार साबित होते हैं। नियमित गश्ती के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाती है और आवश्यक खुफिया जानकारी अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा की जाती है।
इस तरह बारिश के बावजूद नावरा रेंज की टीम वन क्षेत्र की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा में लगातार जुटी हुई है।