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जिले में 150 फीट गहरी खदान को डस्ट से भरा, फिर 1500 पौधे लगाए

 

MP News: मध्यप्रदेश के छत्तरपुर जिले में लंबे समय से खाली पड़ी गहरी खदानों को हरियाली में बदलने की दिशा में पहल शुरू की गई है। प्रतापपुरा क्षेत्र की करीब 150 फीट गहरी खदान को क्रेशर यूनियन ने डस्ट और मिट्टी से भरकर उसका स्वरूप बदल दिया। इसके बाद यहां पौधरोपण कर इलाके को हरा-भरा बनाने की कोशिश की गई।

इस पहल के तहत सभी क्रेशर संचालकों ने मिलकर खदान में डस्ट डलवाई। यह वही डस्ट थी, जो क्रेशर पर जमा तो हो जाती थी, लेकिन उपयोग में नहीं आती थी। एक साल की मेहनत के बाद खदान को भरा गया। इसके बाद मिट्टी डलवाकर पहली बार में 1000 पौधे लगाए गए, जिनमें से 900 पौधे सुरक्षित रहे। हाल ही में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत प्रशासन और क्रेशर यूनियन ने मिलकर 500 और पौधे लगाए।

पौधों की सुरक्षा के लिए खदान क्षेत्र को चारों तरफ से फेंसिंग कर दी गई है। इसके साथ ही एक गेट भी बनाया गया है, ताकि देखरेख आसानी से हो सके। पौधों को नियमित पानी देने और उनकी देखभाल के लिए एक कर्मचारी रखा गया है, जिसका वेतन क्रेशर यूनियन द्वारा दिया जाता है।

खनिज विभाग का कहना है कि इस प्रयास से यह संदेश गया है कि अगर उद्योग और समाज साथ मिलकर काम करें तो उजड़ी जमीन को भी फिर से हरा-भरा बनाया जा सकता है। पहले जिस जगह पर प्रदूषण और पत्थरों के ढेर दिखाई देते थे, वहां अब हरियाली लौट आई है।

भविष्य में जिले की अन्य बंद खदानों को भी इसी तरह भरा जाएगा और वहां पौधरोपण कराया जाएगा। प्रतापपुरा के सीतापुर गांव के पास स्थित यह खदान वर्षों तक पत्थर खनन के कारण गहरी हो गई थी। इसे भरना आसान नहीं था, लेकिन सामूहिक प्रयास से यह संभव हुआ।

यहां आम, नीम, पीपल, बरगद, शीशम, आंवला, सागौन और महोबिनी जैसे कई फलदार व छायादार पौधे लगाए गए हैं। अब यह जगह केवल एक भरी हुई खदान नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए हरियाली और स्वच्छता का प्रतीक बन गई है।