टीकमगढ़ में 5021 गर्भवती रजिस्ट्रेशन कम, 15 स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस
Tikamgarh News: टीकमगढ़ जिले में 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक पिछले साल की तुलना में प्रसव पूर्व महिलाओं के पंजीकरण में 5021 की गिरावट दर्ज की गई है। इसी अवधि में औसतन 12 में से केवल 5 महिलाओं की मृत्यु हुई, जो सामान्य औसत से 42 प्रतिशत कम है। इसके अलावा जिले के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के 9 अलग-अलग पैरामीटर्स पर निगरानी की कमी देखी गई है।
गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं में आई इस कमी के चलते अपर मिशन संचालक ने डीसीएम, डीपीएम, टीकाकरण अधिकारी, बीएमओ और बीसीएम सहित कुल 15 अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों को 17 सितंबर को मिशन संचालक के समक्ष उपस्थित होकर लिखित में जवाब देना होगा।
नोटिस में कहा गया है कि अधिकारियों को संबंधित कार्यक्रमों और दिशा-निर्देशों का पर्याप्त ज्ञान नहीं है, जिससे स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है।अपर मिशन संचालक एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम ने 12 और 13 अगस्त को टीकमगढ़ जिले का भ्रमण कर समीक्षा की। बैठक में पाया गया कि मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, सिकल सेल एनीमिया, राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण और एनसीडी जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का संचालन और क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो रहा है। अस्पतालों में निगरानी और सहयोगी मार्गदर्शन की कमी स्पष्ट रूप से सामने आई।
जिला स्तर पर विभागीय अधिकारियों की कार्यक्षमता, जिम्मेदारी और जवाबदेही में कमी के कारण विकासखंड की प्रगति प्रभावित हो रही है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि समय पर जवाब न देने पर मानव संसाधन मेनुअल 2025 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इस अवधि में 1 अप्रैल से 31 जुलाई 2024 तक 8053 प्रसव पूर्व पंजीकरण किए गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 13074 पंजीकरण दर्ज हुए थे। जतारा और बल्देवगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड वेटिंग रजिस्टर और सेवा प्रबंधन में लगभग शून्य प्रतिशत प्रगति देखी गई। ये रजिस्टर अस्पताल में बेड उपलब्धता और एडमिशन प्रक्रिया को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण होते हैं।
अपर मिशन संचालक ने स्पष्ट किया कि नोटिस भेजे गए अधिकारी संबंधित कार्यक्रमों का सही पालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं। जांच और स्पष्टीकरण मिलने के बाद नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य जिले में मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और प्रसव पूर्व पंजीकरण की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित करना है।