शहर में हर दिन निकल रहे कचरे में 25% प्लास्टिक, जागरूकता और सख्ती जरूरी
Burhanpur News: शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन आम लोगों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। शहर से हर दिन निकलने वाले कचरे में लगभग 25% प्लास्टिक शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन हैं। दूध, सब्जी, किराना और अन्य वस्तुएं ले जाने के लिए लोग प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए सख्ती और जागरूकता दोनों जरूरी हैं।
ढाई लाख से ज्यादा आबादी वाला शहर लगातार परकोटे के बाहर फैल रहा है। हर दिन निकलने वाले कचरे की मात्रा 100 टन के आसपास है। घर, बाजार और गली-मोहल्लों से जमा होने वाले कचरे में सबसे ज्यादा प्लास्टिक है। यह नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। लोग प्लास्टिक, पॉलीथिन, डिब्बे और बोतल सीधे नालियों और सीवरेज में फेंक रहे हैं, जिससे नाली-सीवरेज में चोक होने और सफाई कर्मचारियों की परेशानियों में वृद्धि हो रही है।
नगर निगम प्लास्टिक के कचरे को अलग करने और रीसाइकिलिंग करने के लिए भी प्रयास कर रहा है। बड़े आयोजन जैसे शादी-ब्याह, सरकारी और धार्मिक कार्यक्रमों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद व्यापक असर के लिए आमजन का सहयोग जरूरी है।
प्लास्टिक की जगह कपड़े की थैली के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम अब प्रतियोगिताएं आयोजित कर रहा है। चार-चार वार्डों में क्लस्टर बनाए जाएंगे और आंगनवाड़ियों में रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। तीन सप्ताह का समय कपड़े की थैली बनाने के लिए दिया जाएगा और आकर्षक थैलियों को पुरस्कार दिए जाएंगे। सिंगल यूज प्लास्टिक बेचने वालों पर जुर्माना बढ़ाया जाएगा और बार-बार नियम तोड़ने पर दुकान को सील कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों को घर में प्लास्टिक जमा करने और इसे सही तरीके से निकालने की जानकारी दी जा रही है। पानी की बोतल में पॉलीथिन जमा करने से गंदगी कम होगी और नगर निगम इसे आसानी से रीसाइकिल कर सकेगा।
नगर निगम ने सरकारी आयोजनों को प्लास्टिक मुक्त किया, शादी-ब्याह और भंडारों में प्लास्टिक नियंत्रित किया, सिंगल यूज प्लास्टिक पर नियमित जांच कर 100 से अधिक दुकानों पर जुर्माना लगाया और आमजन को जागरूक करने के प्रयास किए।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए आमजन का सहयोग जरूरी है। केवल जागरूकता और सख्ती के माध्यम से ही शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाया जा सकता है।