Murena News: मुरैना जिले में जिला पंचायत सीईओ ने भ्रष्टाचार, लापरवाही और गलत जानकारी देने के आरोप में दो पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया है, जबकि एक उपयंत्री के सात दिन का वेतन राजसात किया गया है। पहला मामला ग्राम पंचायत बेलखेड़ा का है, जहां सचिव जगदीश कुशवाहा को निलंबित किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने आहार अनुदान योजना के तहत सहरिया महिला की समग्र आईडी केवाईसी नहीं की, न ही कार्यालय में उपस्थित रहते हुए जनसुनवाई में भाग लिया। जनता की शिकायतों के बाद भी उन्होंने कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया। इस पर जिला पंचायत ने उन्हें मध्यप्रदेश पंचायत सेवा आचरण नियमों के उल्लंघन, लापरवाही और वरिष्ठ आदेशों की अवहेलना का दोषी पाते हुए निलंबित किया है।
दूसरा मामला ग्राम पंचायत बरोठा का है, जहां चबूतरा निर्माण में भ्रष्टाचार पाया गया। दो लाख बीस हजार की योजना के तहत शासकीय भूमि पर निर्माण होना था, पर सरपंच गीता देवी जाटव और सचिव शोभाराम जाटव ने इसे निजी भूमि पर कर दिया। जांच के दौरान उपयंत्री जितेंद्र शर्मा ने गलत रिपोर्ट देकर बताया कि निर्माण शासकीय भूमि पर हुआ है। बाद में तहसीलदार की जांच में यह रिपोर्ट झूठी साबित हुई। जिला पंचायत ने इस मामले में सचिव शोभाराम जाटव को निलंबित किया है, वहीं उपयंत्री जितेंद्र शर्मा का सात दिन का वेतन राजसात करते हुए उन्हें भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की चेतावनी दी गई है।


