Neemuch News: नीमच जिले में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट टेंडर दर की स्वीकृति में देरी पर ठेकेदार ने काम करने से ही किया इनकार
Neemuch News: नीमच नगर से रोज निकलने वाले करीब 15 लाख लीटर गंदे पानी को फिर से उपयोगी बनाने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का टेंडर होने के 9 महीने बाद भी शासन से निविदा की दर की स्वीकृत नहीं मिल पाई। इसके चलते ठेकेदार ने काम करने से इनकार कर दिया। इससे प्लांट का काम समय पर शुरू नहीं हो पाएगा। इस पर परिषद ने फिर से टेंडर बुलाए हैं। बारिश के बाद प्लांट का काम शुरू होगी। 2026 तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा।
नगर परिषद द्वारा पालना तलाई के पास में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 9.32 करोड़ रुपए से सीवरेज के गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का बनाया जाना है। 10 हजार वर्ग फीट जमीन पर प्लांट बनना है। इसके लिए अगस्त 2024 में परिषद ने टेंडर बुलाए थे। निविदा की दर स्वीकृति के लिए परिषद ने शासन को भेजी। शासन स्तर पर स्वीकृत में देरी होने के कारण संबंधित ठेकेदार ने काम करने से इनकार कर दिया।
स्वीकृत में देरी होने को लेकर शासन ने संबधित ठेकेदार को पुरानी दर पर काम करने के लिए सहमति के लिए पत्र भी लिखा। ठेकेदार ने काम करने मना कर दिया। उसके बाद शुक्रवार को परिषद ने फिर से टेंडर बुलाए। अब टेंडर होने के बाद में ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू हो पाएगा। वहीं श्मशान घाट से पालना तलाई तक गंदे पानी के पहुंचने के लिए सीसी से नाला निर्माण किया जाएगा।
परिषद अध्यक्ष डॉ. सीमा तिवारी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश की 34 परिषद पांचवें स्थान पर रही थी। इसके तहत केन्द्र और राज्य सरकार ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्वीकृत दी। नगर से निकलने वाला गंदे पानी का प्लांट के माध्यम से ट्रीट कर उसे उपयोगी बनाएगी। इसका उपयोग पेड़-पौधों के लिए बगीचों में किया जा सकेगा। नगर से रोज 12 से 15 लाख लीटर गंदे पानी के लिए 9.32 करोड़ खर्च कर उसको ट्रीट करके उपयोग में लाया जाएगा।
1.50 किमी लंबे पक्के नाले का होगा निर्माण, जैविक खाद भी बनाएंगे
नगर की नालियों नालों से निकलने वाले गंदे पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए श्मशान घाट से पालना तलाई तक 1.50 किमी लंबा सीसी नाले का निर्माण किया जाएगा। इससे नगर का पानी बिना रुकावट के पानी प्लांट तक पहुंच पाएगा। नालों में बहने वाले गंदे पानी का अपव्यय ट्रीटमेंट प्लांट से रुकेगा। वहीं ड्राय सीवरेज से प्लांट के पास ही जैविक खाद तैयार की जाएगी। खाद तैयार करने के बाद परिषद इसको नीलाम करेगी। खाद नीलामी से परिषद की आय बढ़ेगी।
टेंडर होने पर बारिश बाद
काम शुरू करेंगे
रविश कादरी, उपयंत्री नप, मनासा ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 9 महीने पहले टेंडर हुए थे। निविदा दर की स्वीकृत शासन से देरी से मिलने के कारण ठेकेदार ने काम करने से मना कर दिया। परिषद ने फिर से टेंडर बुलाए हैं। टेंडर होने के बाद बारिश के बाद काम शुरू करेंगे। 2026 तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूर्ण
हो जाएगा।