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17 साल से बिजली का इंतजार: हाईस्कूल भूराघाटा में अब भी नहीं जला एक बल्ब

 

Jhabua News: वार्ड क्रमांक 8, भूराघाटा स्थित शासकीय एकीकृत हाईस्कूल की तस्वीर आज भी ज्यों की त्यों है। स्कूल शुरू हुए 17 साल गुजर गए, लेकिन बच्चों को अब तक बिजली का उजाला नसीब नहीं हुआ। स्थिति यह है कि न तो पंखे चल पाते हैं और न ही रोशनी की कोई व्यवस्था है।

पिछले साल प्रशासन ने इस समस्या को हल करने की प्रक्रिया शुरू की थी। स्कूल तक नए खंभे लगाए गए और करीब 500 से 600 मीटर तक केबल भी बिछा दी गई। काम देखकर लगा था कि अब जल्द ही बिजली कनेक्शन जुड़ जाएगा। लेकिन वास्तविकता यह है कि लाइन आज तक चालू नहीं हुई।

हैंडओवर के इंतजार में अटका मामला

बिजली कंपनी का कहना है कि उन्हें अब तक यह लाइन हैंडओवर नहीं की गई है। कंपनी के अनुसार, जब तक टेस्टिंग पूरी कर ठेकेदार लाइन सौंपेगा नहीं, तब तक कनेक्शन जोड़ा नहीं जा सकता। दूसरी ओर, ठेकेदार का कहना है कि बारिश का मौसम बीच में आ जाने से काम रुक गया था, लेकिन अब एक पखवाड़े के भीतर टेस्टिंग कर हैंडओवर कर दिया जाएगा।

विद्यार्थियों की परेशानी

वर्तमान में स्कूल में लगभग 215 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। कक्षा पहली से दसवीं तक की पढ़ाई यहां होती है। गर्मियों में बच्चे बिना पंखों के कक्षाओं में बैठते हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है। शिक्षक भी बताते हैं कि पसीना और उमस के कारण बच्चे बेचैन हो जाते हैं। नमी और गर्मी से बच्चों की सेहत पर भी असर पड़ता है। ऑनलाइन कार्य जैसे छात्रवृत्ति, परीक्षा फार्म या मैपिंग आदि भी बिजली के अभाव में बाहर साइबर कैफे से करवाने पड़ते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ की राय

स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि बिना हवा और वेंटिलेशन वाले कमरों में बच्चों के बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। उमस से घबराहट, डिहाइड्रेशन और संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उनका मानना है कि जल्द से जल्द स्कूल में पंखे और पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

प्रपोजल पर नहीं दिखी गंभीरता

जानकारी के अनुसार, इस स्कूल तक बिजली पहुंचाने के लिए करीब 7 लाख 84 हजार रुपये का प्रपोजल कई साल पहले ही बन चुका था। लेकिन लंबे समय तक उस पर अमल नहीं हुआ। बार-बार याद दिलाने और लोगों की शिकायतों के बाद ही अधिकारी हरकत में आए और काम शुरू किया गया। बावजूद इसके, आज तक बच्चे बिजली का इंतजार कर रहे हैं।

स्कूल प्रबंधन की उम्मीद

स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर दिया है। जैसे ही कनेक्शन जुड़ जाएगा, वे तुरंत पंखे, ट्यूबलाइट और अन्य आवश्यक विद्युत सामग्री लगाने का प्रस्ताव बनाकर अधिकारियों को भेजेंगे।

ठेकेदार और बिजली विभाग की सफाई

बिजली विभाग का कहना है कि “लाइन अभी तक हमें सौंपी नहीं गई है। हैंडओवर होते ही हम कनेक्शन उपलब्ध करा देंगे।”

ठेकेदार का दावा है कि “सारा काम पूरा हो चुका है, बस टेस्टिंग बाकी है। एक पखवाड़े में लाइन हैंडओवर कर दी जाएगी।”

2008 से जारी है इंतजार

साल 2008 से संचालित इस स्कूल को आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिला। वर्ष 2020-21 में इसे एकीकृत शाला का दर्जा मिलने के बाद यहां कक्षा 1 से 10 तक की पढ़ाई शुरू हुई। हर साल गर्मी का मौसम बच्चों और शिक्षकों के लिए परीक्षा से भी कठिन साबित होता है।

नतीजा

बिजली खंभे और केबल तो बिछ गए, लेकिन कनेक्शन न जुड़ने से पूरा काम अधूरा पड़ा है। अब सवाल यह है कि आखिर कब स्कूल के बच्चों को पंखों की हवा और रोशनी मिलेगी। ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि यदि जल्द ही यह समस्या नहीं सुलझी तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे।