केमिकल फैक्ट्रियों से निकलता जहरीला धुआं, लोगों की सेहत पर खतरा
Jhabua News: मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र की केमिकल फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं 15 हजार से ज्यादा लोगों के लिए परेशानी बन गया है। शाम होते ही चिमनियों से निकलने वाला धुआं हवा में फैलने के बजाय नीचे जम जाता है, जिससे रात में सड़कों पर कोहरे जैसी परत और तेज बदबू रहती है। इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और कई लोग बीमार पड़ रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाला दूषित पानी आसपास के गांवों के भूजल को भी खराब कर रहा है, क्योंकि केमिकल ट्रीटमेंट प्लांट में पूरा गंदा पानी नहीं भेजा जाता। अनास नदी में केमिकल युक्त पानी मिलने से बरसात में मेघनगर का जल प्रदाय बंद करना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पानी पीने से मवेशियों और मछलियों की मौत हो चुकी है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
अधिकांश फैक्ट्री मालिक बाहर के शहरों में रहते हैं और स्थानीय लोगों की सेहत की परवाह नहीं करते। लोग मांग कर रहे हैं कि यदि इतना नुकसान हो रहा है तो प्लांट बंद कर दिए जाएं।पिछले साल 6 केमिकल फैक्ट्रियों पर पब्लिक न्यूसेंस के केस दर्ज हुए थे, लेकिन तत्कालीन एसडीएम ने रिटायरमेंट से पहले सभी मामले निपटा दिए। फैक्ट्रियों को सील करने के बजाय 11 बिंदुओं वाला फार्मेट भरने का आदेश दिया गया, जिसे वे अब नियमित रूप से नहीं जमा कर रहे।
प्रमुख फैक्ट्रियों में अंकिता इंटरप्राइजेस, ब्रोमोस केमिकल्स, विनी इंडस्ट्रीज, ट्रेंट केमिकल, मेघनगर ऑर्गेनिक और राठौर फार्मा केम इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसएन द्विवेदी का कहना है कि समय-समय पर नोटिस दिए जाते हैं और निरीक्षण भी किया जाता है। पहले के मुकाबले हालात सुधरे हैं, लेकिन फैक्ट्रियों को सील करने से उद्योग बंद हो जाएंगे और रोजगार संकट खड़ा होगा, इसलिए ऐसा कदम नहीं उठाया जा सकता।