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झाबुआ में आवारा मवेशियों का संकट: गोशाला में केवल 26 मवेशी बचे, नगर पालिका करेगी सख्त कार्रवाई

 

Jhabua News: झाबुआ शहर में आवारा मवेशियों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। नगर पालिका समय-समय पर मुहिम चलाती है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद स्थिति पूर्व जैसी हो जाती है। इस बार जुलाई में नगर पालिका की 15 सदस्यीय टीम ने शहर के विभिन्न रास्तों और चौराहों से कुल 46 आवारा मवेशी पकड़े। इनमें से 3 नंदी (सांड) देवझिरी जंगलों में छोड़े गए, जबकि बाकी मवेशियों को चारोलीपाड़ा गोशाला भेजा गया।

एक महीने के भीतर ही गोशाला में छोड़े गए कई मवेशी वापस लौट गए और अब केवल 26 मवेशी ही वहां बचे हैं। बताया जा रहा है कि मवेशियों के मालिकों ने गोशाला संचालकों पर दबाव बनाया, जुर्माना जमा किया और मवेशियों को वापस ले गए। गोशाला संचालकों का कहना है कि कई लोग मवेशियों को नगर पालिका की टीम से छुड़ाकर ही ले जाते हैं।

शहर में आवारा मवेशियों के कारण चौराहों और मार्गों पर परेशानी बढ़ रही है। किशनपुरी, राजगढ़ नाका, छतरी चौक, राजवाड़ा और दिलीप गेट सहित कई जगहों पर इनके झुंड दिखाई देते हैं। अधिकतर मवेशी निजी होते हैं, जिन्हें दिन में खुला छोड़ दिया जाता है।

नगर पालिका के पास अपने पास कोई गोशाला नहीं है, इसलिए इन मवेशियों को अनुदान प्राप्त चारोलीपाड़ा गोशाला में भेजा जाता है। एक अन्य गोपालपुरा गोशाला भी चिह्नित है, लेकिन दूरी के कारण अब तक मवेशियों को वहां नहीं भेजा गया। गोशाला में मुहिम शुरू होने से पहले 22 मवेशी थे, और अब कुल 48 मवेशी हैं। इस दौरान 6 गायों की मृत्यु हो गई है।

गोशाला में रहने वाले मवेशियों में से कुछ बीमार हो जाते हैं और भोजन भी कम करते हैं, जिससे उनकी स्थिति और खराब होती है। नगर पालिका अधिकारियों का कहना है कि अगर लोग लगातार मवेशी वापस ले जाते रहेंगे तो अभियान सफल नहीं होगा। इस बार कानूनी कार्रवाई के माध्यम से ऐसे पशुपालकों को सख्ती से लाया जाएगा।

नगर पालिका का मानना है कि आवारा मवेशियों की समस्या पहले से थोड़ी कम हुई है, लेकिन इसे पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।