भीमफलिया में गिट्टी खदान को लेकर विवाद, एनओसी का गलत इस्तेमाल
Jhabau News: गुजरात सीमा के पास भीमफलिया गांव में गिट्टी खदान के लिए जारी एनओसी को लेकर विवाद सामने आया है। ग्राम पंचायत ने पहले एक व्यक्ति को एनओसी दी थी, लेकिन बाद में एक अन्य फर्म ने उसी एनओसी का इस्तेमाल कर खदान के लिए आवेदन कर दिया। इस मामले के कारण खदान आवंटन प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है।
जब पंचायत को इस बात का पता चला तो उसने खनिज विभाग को पत्र भेजकर प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की। अब अफसरों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। खनिज विभाग का कहना है कि जो भी प्रक्रिया हुई, वह नियमों के दायरे में हुई।
स्थानीय निवासी ने बताया कि खदान के लिए तय की गई जगह हाइवे के पास है और इस क्षेत्र में ब्लास्टिंग या खनन गतिविधि से सड़क यातायात, सरकारी भवनों और आसपास के आवासों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इसके अलावा, ग्रामीणों को दावे-आपत्ति के शिविर के बारे में जानकारी नहीं मिली, इसलिए कोई आपत्ति दर्ज नहीं कर सका।
खदान के लिए सर्वे नंबर 52/2 पर लगभग 4.90 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रक्रिया की जा रही है। मई में एनओसी प्रीतम कटारा और महिला समूह के नाम से दी गई थी। बाद में उसी एनओसी के साथ एक अन्य फर्म ने भी आवेदन किया।
पंचायत और ग्रामीण इस मामले में सही प्रक्रिया और सुरक्षा के लिए सतर्क हैं और चाहते हैं कि खदान आवंटन नियमों और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हो। प्रशासन की ओर से भी जांच जारी है और अगर कोई भ्रम या गड़बड़ी पाई जाती है तो उसका समाधान किया जाएगा।