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Success Story:  देखिए जेईई मेंस-2 की परीक्षा में इतिहास रचने वाले इंदौर के 3 सितारों की कहानी,  देव रखते हैं कीपैड फोन

देखिए जेईई मेंस-2 की परीक्षा में इतिहास रचने वाले इंदौर के 3 सितारों की कहानी,  देव रखते हैं कीपैड फोन
 

JEE Mains-2 Success Story: इंदौर की तीन होनहार सितारों ने जेईई मेंस-2 की परीक्षा में इतिहास रच दिया है। इतना ही नहीं इंदौर शहर की रहने वाली हर्षिता लड़कियों में स्टेट टॉपर बनी है। इनमें से किसी ने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर तो किसी ने स्मार्टफोन से दूरी बनाकर सफलता हासिल की है। आज हम आपको इन्हीं तीन सितारों की कहानी बताने जा रहे हैं। 

जेईई मेंस-2 के परिणाम में 99.9926 पसेंटाइल लाकर एआईआर 169 पर शहर के देव कौरव रहे। दूसरे स्थान पर अथर्व ऐरन ने 99.9912 पसेंटाइल के साथ 190 रैंक प्राप्त की। इसके बाद चिरायु जैन को 283 रैंक मिली है। उनका पसेंटाइल 99.986 है। गर्ल्स स्टेट टॉपर में कल्पवृक्ष की हर्षिता गोयल ने बाजी मारी है। उन्हें 99.95 पर्सेटाइल मिले। 

इसके साथ ही देवांश गुप्ता 99.98 और भव्य कटारिया 99.97 पसेंटाइल पर रहे। शहर से 98 पसेंटाइल के ऊपर 600 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है। 99 पसेंटाइल के ऊपर करीब 150 स्टूडेंट्स रहे। सभी टॉपर्स ने बताया कि लगातार और ध्यान से तैयारी की जाए तो कोई भी एग्जाम क्रैक करना मुश्किल नहीं है। सभी आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं।

लड़कियों में स्टेट टॉपर रही हर्षिता करती थी प्रतिदिन 13 घंटे पढ़ाई 

स्टेट गर्ल्स टॉपर हर्षिता गोयल जेईई मेंस-2 की परीक्षा हेतु प्रतिदिन 13 घंटे पढ़ाई करती थी। हर्षिता को 99.95 पसेंटाइल के साथ ऑल इंडिया 806 रैंक मिली। जेईई के पहले चरण में भी 99.90 पसेंटाइल प्राप्त हुए थे। हर्षिता ने बताया कि सुबह 7 से रात 10 बजे तक तैयारी को ही समय देती थी। 

हालांकि ज्यादा समय देने से ज्यादा जरूरी है कि ध्यान लगाकर तैयारी करें। केमिस्ट्री थोडी कमजोर थी तो रोजाना एक से डेढ़ घंटा अलग से टाइम देने लगी। तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना ली थी। दोस्तों से भी बहुत कम बात हो पाती थी। तैयारी में मां मेघना गोयल का बहुत मॉरल सपोर्ट मिला। मेरी इच्छा है कि देश के टॉप आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करूं।

सोशल मीडिया से दूर रहे अथर्व 

अथर्व ऐरन 99.9912 पसेंटाइल के साथ ऑल इंडिया रैंक 190 पर रहे। बताते हैं सुबह रेगुलर क्लास होती थी और शाम को सेल्फ स्टडी। टीचर्स जो भी काम देते थे, उसे रोज पूरा करते थे। हर रविवार टेस्ट देता था। इससे पता लगता था कि कौन से टॉपिक पर ज्यादा काम करना है। तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी। जब कभी पढ़ते-पढ़ते बोर हो जाता तो रनिंग कर लेता था। इससे एनर्जी मिल जाती थी। अर्थव का सपना एडवांस में अच्छी रैंक बनाकर मुंबई से कम्प्यूटर साइंस करना है। 

देव ने कभी नहीं किया स्मार्टफोन का उपयोग 

शहर के देव कौरव को 99.9926 पसेंटाइल के साथ ऑल इंडिया 169 रैंक मिली। देव ने बताया कि कभी भी स्मार्ट फोन उपयोग नहीं किया। कीपैड फोन ही रखता हूं। वह भी सिर्फ घरवालों से बात करने के लिए किया। इंस्टाग्राम और बाकी सोशल मीडिया पर भी अकाउंट नहीं बनाया। जब भी इंटरनेट की जरूरत पड़ती थी तो मम्मी, पापा या भाई के फोन चलाता था। 

देव तैयारी को लेकर बताते हैं कि सुबह रोजाना 6 बजे उठकर पढ़ाई शुरू की। बिना किसी ब्रेक के शेड्यूल फॉलो किया। पिता कमलेश कौरव नगर निगम में कार्यरत हैं। मां सविता कौरव हाउसवाइफ हैं। देव ने बताया कि उनका सपना आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करना है।